मध्यमहेश्वर ट्रेक 2024 | Madmaheshwar Trek 2024 in Hindi | Madmaheshwar Trek Guide 2024 in Hindi | Madmaheshwar Trek Cost in Hindi | Best Time For Madmaheshwar in Hindi | Madmaheshwar Trek itinerary in Hindi | Madmaheshwar Trek Complete Travel Guide in Hindi | Madmaheshwar Trek Tips | History | Timings

मध्यमहेश्वर – Madmaheshwar in Hindi


Madhyamaheshwar Temple | Click on image for credits

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित मध्यमहेश्वर मंदिर पंच केदार मंदिरों में द्वितीय केदार के रूप में प्रसिद्ध है। मध्यमहेश्वर मंदिर में भगवान शिव के पेट (नाभि) की पूजा की जाती है।  मध्यमहेश्वर  मंदिर  के अलावा पंच केदार मंदिरों में प्रथम केदार के रूप  में  केदारनाथ,  तृतीय केदार के रूप में तुंगनाथ, चतुर्थ केदार के रूप में रुद्रनाथ और पांचवें और अंतिम केदार के रूप में कल्पेश्वर को पूजा जाता है।

मध्यमहेश्वर मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए वर्ष में सिर्फ 06 महीने ही खुले रहते है। सर्दियों के मौसम में मध्यमहेश्वर मंदिर के कपाट अत्यधिक बर्फ़बारी की वजह से बंद कर दिए जाते है।  पांचो केदार मंदिरों में सिर्फ केदारनाथ मंदिर ही एक ऐसा मंदिर है जिसकी यात्रा के लिए आपको पंजीकरण करवाना जरुरी है, बाकी के चारों केदार मंदिर की यात्रा आप बिना किसी पंजीकरण के करवा सकते है।

समुद्रतल से 3497 मीटर (11473 फ़ीट ) की ऊंचाई पर स्थित मध्यमहेश्वर मंदिर का ट्रेक एक माध्यम श्रेणी का ट्रेक माना जाता है। मध्यमहेशश्वर मंदिर तक पहुँचने के बाद आप मंदिर से 1.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बुढ़ा मध्यमहेशश्वर का ट्रैक जरूर करें। बुढ़ा मध्यमहेशश्वर से हिमालय की चौखम्बा पर्वतश्रृंखला के बेहद शानदार दृश्य दिखाई देते है।

कई ट्रेकर्स तो सिर्फ बुढ़ा मध्यमहेशश्वर से दिखने वाले सूर्योदय को देखने के लिए ही मध्यमहेशश्वर मंदिर की पैदल यात्रा करते है। मध्यमहेश्वर ट्रेक शुरू करने से पहले कुछ बातें है जो कि आपको मध्यमहेश्वर की  यात्रा शुरू करने से पहले पता होनी चाहिए जैसे –

01 मध्यमहेश्वर यात्रा कहाँ से शुरु होती है

02 मध्यमहेश्वर यात्रा कब शुरू होती है?

03 मध्यमहेश्वर की पैदल यात्रा के दौरान क्याक्या साथ मे रखना है?

04 मध्यमहेश्वर यात्रा के दौरान क्याक्या सुविधाएं मिलती है?

05 मध्यमहेश्वर ट्रेक के दौरान क्याक्या सावधानी रखनी चाहिए ?

तो चलिए जानते है कि हमें मध्यमहेश्वर यात्रा के दौरान कौन-कौनसी बातों का ध्यान रखना है।

मध्यमहेश्वर ट्रेक – Madmaheshwar Trek in Hindi

Trekking in Madhyamaheshwar | Ref img

उत्तरी हिमालय के पहाड़ों के बीच में स्थित मध्यमहेश्वर मंदिर का ट्रेक कुल 18 किलोमीटर (कुल 36 किलोमीटर) लम्बा एक मध्यम श्रेणी की कठिनाई का ट्रेक माना जाता है। अगर आप मध्यमहेशश्वर की यात्रा करने का कार्यक्रम बना रहे है तो आपको यह जरूर सुनिश्चित करना है कि आप यह ट्रेक करते समय शारीरिक रूप से स्वस्थ जरूर होने चाहिए।

अगर आप शारीरिक रूप से स्वस्थ नहीं है तो आपको यह ट्रेक नहीं करना चाहिए। इसका सबसे बड़ा कारण है एक तो इस ट्रैक की लंबाई और दूसरा सीधी ओर खड़ी चढ़ाई। इस ट्रेक के दौरान आप केदारनाथ वन्यजीव अभ्यारण्य के सरंक्षित वन क्षेत्र से हो कर गुजरते है इसलिए आपको पुरे ट्रेक के दौरान घने जंगलो के बीच में से होकर गुजरना होता है।

पुरे ट्रेक के दौरान आपको कई झरनों के अलावा बहुत सारे खूबसूरत प्राकृतिक दृश्य भी देखने को मिलते है। मध्यमहेशश्वर मंदिर की पैदल यात्रा रांसी गांव से 02 किलोमीटर की मोटरेबल रोड खत्म होने के बाद मध्यमहेश्वर मंदिर का पैदल ट्रेक शुरू होता है। केदारनाथ ट्रेक की तरह इस ट्रेक पर आपको इतनी सुविधा नहीं मिलती है, पुरे ट्रेक के दौरान सिर्फ कुछ विश्रामस्थल ही  बनाये गए है ओर एक वन विभाग की चौकी बनी हुई है।

मंदिर तक जाने वाले रास्ते पर पत्थरों का उपयोग करके पगडण्डी का निर्माण किया गया है। वैसे तो अगर आप यह ट्रेक सुबह जल्दी शुरू करें तो आप शाम तक मध्यमहेश्वर मंदिर तक पहुंच सकते है। ट्रेक के दौरान रास्ते में कई छोटे-छोटे गांव आते है वहां पर आपको रात्रि विश्राम और खाने की सुविधा मिल जाती है।

रांसी से जब मध्यमहेश्वर मंदिर का ट्रेक शुरू होता है तो आपको गोंडार गांव तक ढलान वाला और समतल रास्ता मिलता है, लेकिन गोंडार के बाद सीधी और खड़ी चढ़ाई शुरू हो जाती है ओर यहीं से यात्रा का सबसे कठिन भाग शुरू होता है। इसी वजह से मध्यमहेश्वर मंदिर की यात्रा केदारनाथ मंदिर से ज्यादा कठिन मानी जाती है। मध्यमहेश्वर ट्रेक करते समय आपको किसी भी प्रकार की सुविधा स्थानीय प्रशासन द्वारा प्रदान नहीं की जाती है।

ट्रेक के दौरान रास्ते में जो छोटे-छोटे गांव आते है वहां पर आपको रुकने और खाने  की सुविधा मिल जाती है। अगर आप पैदल यात्रा करने में सक्षम नहीं है तो रांसी गाँव के स्थानीय निवासियों से बात करके खच्चर के द्वारा भी मध्यमहेशश्वर की यात्रा कर सकते है। इसके अलावा अगर आप को पहाड़ो में किसी भी प्रकार की पैदल यात्रा का अनुभव नहीं है तो आप स्थानीय गाइड की सहायता से भी मध्यमहेशश्वर की यात्रा कर सकते है।

( गाइड ओर खच्चर किराये पर लेने से पहले मोलभाव जरूर कर ले।)

मध्यमहेशश्वर ट्रेक की पूरी गाइड – Madmaheshwar Trek Travel Guide in Hindi

Madmaheshwat Trek | Ref Img

पंच केदार मंदिरों में द्वितीय केदार के रूप पूजे जाने वाले मध्यमहेशश्वर मन्दिर के दर्शन करने के लिए भगवान शिव के भक्तों के अलावा बहुत सारे ट्रेकर्स भी यह 18 किलोमीटर लंबी पैदल यात्रा करना बहुत पसंद करते है। इसका मुख्य कारण है एक तो भगवान शिव का यह प्राचीन मंदिर है और दूसरा कारण है बुढ़ा मध्यमहेशश्वर से दिखाई देने वाले चौखम्बा पर्वतमाला के अदभुत दृश्य।

ट्रेकर्स इस जगह को मध्यमहेशश्वर ट्रैक या फिर बुढ़ा मध्यमहेशश्वर ट्रेक के नाम से भी जानते है। आप यह ट्रेक पूरा होने के बाद घास के मैदानों के बीच मे बने हुए प्राचीन मध्यमहेशश्वर मंदिर तक पहुंचते है। मंदिर से जुड़ी हुई पौराणिक कथा के अनुसार पांडवों ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए मध्यमहेशश्वर मंदिर का निर्माण करवाया था।

इस मंदिर में भगवान शिव के नाभि के आकार के शिवलिंग की पूजा की जाती है। यह प्राचीन शिव मंदिर केदारनाथ वन्यजीव अभ्यारण के बीच में बना हुआ है। वन्यजीव अभ्यारण्य के बीच में स्थित होने की वजह से आपको ट्रेक के दौरान कई विलुप्तप्राय वन्यजीव भी दिखाई दे सकते है। मध्यमहेश्वर ट्रेक की कुल लम्बाई 36 किलोमीटर है अगर आप के पास समय कम हो तो आप इस ट्रेक को दो दिन में पूरा कर सकते है।

और अगर आप के पास पर्याप्त समय है तो आप यह पूरा ट्रेक तीन में पूरा करें तो ज्यादा अच्छा है। अगर आप तीन दिन में यह ट्रेक पूरा करते है तो आप पुरे ट्रेक के दौरान दिखाई देने वाले सभी प्राकृतिक दृश्यों का भरपूर आनंद ले सकते है और आप को ट्रेक के दौरान किसी प्रकार की थकान भी नहीं होगी।

मध्यमहेश्वर मंदिर के पैदल ट्रेक के दौरान आप मधु गंगा, शंकुधारी जंगलों, घास मैदानों और छोटे-छोटे गांव से होते हुए मंदिर तक पहुँचते है।

मध्यमहेश्वर ट्रेल की सुचना – Madmaheshwar Trail information in Hindi

Trek in Madhyamaheshwar | Ref img

रांसी से शुरू होकर मध्यमहेश्वर मंदिर मंदिर तक जाने वाले पैदल मार्ग के अधिकांश हिस्से पर पत्थरों की सहायता से पक्की पगडण्डी का निर्माण किया गया है। हालांकि आपको मंदिर तक पहुचँने के लिए 18 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी होती है जो की बहुत ही ज्यादा थकाने वाली यात्रा मानी जाती है।

इतनी लम्बी यात्रा होने के बावजूद भी आपको इस ट्रेक के दौरान ट्रेकिंग से जुड़े हुए किसी भी प्रकार के तकनीकी अनुभव की आवश्यकता नहीं है। आपको सिर्फ एक ही बात को विशेष रूप से ध्यान रखना है की पुरे ट्रेक को आपको बड़े आराम से और धीरे-धीरे पूरा करना है।  ट्रेक के दौरान आप को सिर्फ दो तरह की मुश्किल आती है एक तो इस ट्रेक की लम्बाई और दूसरा गौंडार गांव के बाद शुरू होने वाली सीधी चढ़ाई।

वैसे तो मध्यमहेश्वर मंदिर की एक तरफा यात्रा आप एक दिन में आसानी से पूरी कर सकते है लेकिन ट्रेक की लम्बाई की वजह से आपको तीन दिन से हाथ में लेकर चलने चाहिए।

मध्यमहेश्वर ट्रेक रोड मैप – Madmaheshwar Trek Road Map in Hindi

Lord Shiva

01 रांसी – गौंडार – 06 किलोमीटर

02 गौंडार – बंतोली – 02 किलोमीटर

03 बंतोली  – ख़तारा खाल  – 02 किलोमीटर

04  ख़तारा खाल – नानू  – 02 किलोमीटर

05  नानू – मैखंबा – 03 किलोमीटर

06  मैखंबा – मध्यमहेश्वर – 04 किलोमीटर

07 मध्यमहेश्वर – बूढ़ा मध्यमहेश्वर  – 1.5 किलोमीटर

मध्यमहेश्वर ट्रेक का सबसे अच्छा समय – Best time for Madmaheshwar Trek in Hindi

View From Madhyamaheshwar

मध्यमहेशश्वर मंदिर के दर्शन साल में सिर्फ 06 महीने के लिये ही खुले रहते है। सर्दियों के मौसम में इस स्थान पर कई फ़ीट बर्फ़बारी होती है इसकी वजह सर्दियों के मौसम में 06 महीने के लिये मध्यमहेशश्वर मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिये बंद रहते है। मई से लेकर नवंबर महिने में आप मध्यमहेशश्वर मंदिर की यात्रा कर सकते है।

लेकिन मानसून के मौसम में मध्यमहेशश्वर मंदिर की पैदल यात्रा जोख़िम भरी होती है, इस समय पूरा ट्रेक फिसलन भरा हो जाता है। जो कि मानसून के मौसम में इस यात्रा का और भी मुश्किल बना देता है। मध्यमहेशश्वर मंदिर की यात्रा का सबसे अच्छा समय जून महीने से पहले ओर मानसून (अगस्त से नवंबर) के बाद मंदिर के कपाट बंद होने तक का समय सबसे अच्छा समय माना जाता है।

मध्यमहेश्वर ट्रेक के लिए टिप्स – Tips For Madmaheshwar Trek in Hindi

Madhyamaheshwar Trek Tips

01 पहचान पत्र

02 मफलर

03 पानी की बोतल ( 3-5 से लीटर )

04 ड्राई फ्रूट्स और पैकेट फ़ूड

05 गरम कपड़े ( स्वेटर / जैकेट / पुल ओवर )

06 पोंचो / रेन कोट ( बारिश के मौसम के लिए )

07 धुप का चश्मा

08 टोर्च / पॉवर बैंक / कैमरा के लिए एक्स्ट्रा बैटरी

09 कैंपिंग का सामान अगर संभव हो। ( चटाई / स्लीपिंग बैग )

10 इलेक्ट्रॉनिक सामान को बारिश से बचाने के वाटरप्रूफ बैग।

11 नींबू और नमक या इलेक्ट्रोलाइट पाउडर/पेय (इलेक्ट्रल/गेटोरेड/ग्लूकॉन डी)

12 ट्रैकिंग शूज / ट्रैकिंग पेंट / क्विक ड्राई टीशर्ट /केप

13 सीटी (आपात स्थित के लिए )

14 प्राथमिक चिकित्सा किट :-  कैंची, सनस्क्रीन (एसपीएफ़ 50+), बैंड एड्स (वाटर प्रूफ), एनाल्जेसिक स्प्रे (रिलीस्प्रे, वोलिनी), एंटीसेप्टिक लिक्विड (सेवलॉन, डेटॉल), एंटीसेप्टिक पाउडर (पोविडोन-आयोडीन आधारित पाउडर जैसे सिप्लाडाइन, सेवलॉन), पट्टी, रुई, क्रेप पट्टी आदि।

15 दवाइयां :- बुखार , सिरदर्द , मोशन सिकनेस , लूज़ मोशन , उल्टी  और एसिडिटी आदि ।

( नोट :- किसी भी तरह के दवाई लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लेवें।

मध्यमहेश्वर कैसे पहुंचे – How to reach Madmaheshwar in Hindi

How to reach Madmaheshwar | Ref img

सड़क मार्ग से मध्यमहेश्वर कैसे पहुँचे – How to reach Madmaheshwar by Road in Hindi

सड़क मार्ग से मध्यमहेश्वर जाने के लिये आप हरिद्वार और ऋषिकेश से उखीमठ तक बस द्वारा पहुँच सकते है। उसके बाद आपको उखीमठ से रांसी गाँव तक जाने  के लिए टैक्सी किराये पर लेनी होगी।

रांसी के बाद मध्यमहेश्वर के लिये आपको 16 किलोमीटर का पैदल ट्रेक करना होगा। आप कैब, टैक्सी और अपने निजी गाड़ी के सहायता से भी रांसी तक बहुत आसानी से पहुँच सकते है। उखीमठ पब्लिक ट्रांसपोर्ट सेवाओं से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

उखीमठ के लिए हरिद्वार और ऋषिकेश से नियमित रूप से बस सेवा उपलब्ध रहती है।

मध्यमहेश्वर पहुंचने का रोड मैप – Road Map of Madhyameshwar in Hindi

दिल्ली – हरिद्वार – ऋषिकेश – देवप्रयाग – श्रीनगर – रुद्रप्रयाग – उखीमठ – उनियाना – रांसी – मध्यमहेश्वर (18 किलोमीटर ट्रेक)

हवाई मार्ग से मध्यमहेश्वर कैसे पहुँचे – How to reach Madmaheshwar by Air in Hindi

मध्यमहेश्वर के सबसे नजदीकी हवाई अड्डा देहरादून का जॉली ग्रांट हवाई अड्डा है। देहरादून से मध्यमहेश्वर की दूरी मात्र 240 किलोमीटर है।(Dehradun to Madmaheshwar distance) देहरादून देश के प्रमुख हवाई अड्डों से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

देहरादून पहुँच कर आप बस और टैक्सी की सहायता से बहुत आसानी से उखीमठ तक पहुँच सकते है। उखीमठ पहुँच कर आपको रांसी के लिए टैक्सी लेनी होगी और रांसी पहुँच कर आप मध्यमहेश्वर के लिए अपना पैदल ट्रेक शुरू कर सकते है।

रेल मार्ग से मध्यमहेश्वर कैसे पहुँचे – How to reach Madmaheshwar by Train in Hindi

मध्यमहेश्वर के सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन हरिद्वार का रेलवे स्टेशन है। हरिद्वार रेलवे स्टेशन देश के प्रमुख शहरों से रेल मार्ग द्वारा बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। हरिद्वार पहुँच कर आप बस और टैक्सी की सहायता से उखीमठ तक पहुँच सकते है।

उखीमठ से आप टैक्सी और कैब की सहायता से आप रांसी पहुँचे और फिर यहाँ से आप 16 किलोमीटर का पैदल ट्रेक करके मध्यमहेश्वर पहुँच सकते है। हरिद्वार से मध्यमहेश्वर की दूरी मात्र 225 किलोमीटर है। (Haridwar to Madmaheshwar distance)

(अगर आप मेरे इस आर्टिकल में यहाँ तक पहुंच गए है तो आप से एक छोटा से निवदेन है की नीचे कमेंट बॉक्स में इस लेख से संबंधित आपके सुझाव जरूर साझा करें, और अगर आप को कोई कमी दिखे या कोई गलत जानकारी लगे तो भी जरूर बताए।  में यात्रा से संबंधित जानकारी मेरी इस वेबसाइट पर पोस्ट करता रहता हूँ, अगर मेरे द्वारा दी गई जानकारी आप को पसंद रही है तो आप अपने ईमेल से मेरी वेबसाइट को सब्सक्राइब जरूर करे, धन्यवाद )

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