हर की दून ट्रेक 2024 | Har ki Dun Trek 2024 in Hindi | Har ki Dun Trek Guide 2024 in Hindi | Har ki Dun Trek Route in Hindi | Har ki Dun Trek Best time to Visit in Hindi | Har ki Dun Trek itinerary in Hindi | Trekking in Uttarakhand in Hindi | Velly of Gods in Hindi
हर की दून का इतिहास – History of Har ki Dun Trek in Hindi
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के गोविन्द बल्लभ पंत राष्ट्रीय उद्यान में स्थित हर की दून ट्रेक, उत्तराखडं के सबसे सुन्दर ट्रेक्स में एक माना जाता है। वास्तव में हर की दून हिमालय पर्वत में स्थित एक बहुत ही सुन्दर घाटी है जिसकी समुद्रतल से ऊंचाई मात्र 3566 मीटर ( 11700 फ़ीट ) है।
हर की दून का शाब्दिक अर्थ कुछ इस प्रकार है – हिंदू धर्म में हर का मतलब होता है देवता और दून का मतलब होता है घाटी। या फिर आप सीधे और सरल शब्दों में कह सकते है की हर की दून का मतलब होता है देवताओ क़की घाटी ( Velly of Gods ) । स्थानीय लोगों में ऐसी मान्यता है की इस स्थान पर देवता निवास करते है इसलिए को हर की दून ( Velly of Gods ) कहा जाता है।
हर की दून का इतिहास महाभारत काल के समय का माना जाता है। स्थानीय लोगों का यह विश्वास है की महाभारत का युद्ध समाप्त होने के कई वर्षों के बाद पांडव इस स्थान से स्वर्ग गए थे। पांडवों के सबसे बड़े भाई युधिष्ठिर के लिए तो यह कहा जाता है की हर की दून के पास स्थित स्वर्गारोहिणी पर्वत से वह सशरीर स्वर्ग गए थे।
इसके अलावा हर की दून के आस पास रहने वाले कौरवों के सबसे बड़े भाई दुर्योधन की पूजा किया करते है। यहाँ रहने वाले स्थानीय निवासियों के अनुसार दुर्योधन एक बहुत अच्छे शासक थे। इसलिए हर की दून के पास स्थित ओसला गांव में दुर्योधन का प्राचीन मंदिर भी बना हुआ है। इन सब के अलावा भी हर की दून के आस पास के गाँव में आपको महाभारत काल से जुड़े हुए घटनाक्रम का प्रभाव भी देखने को मिलता है।
आज भी हर की दून के आसपास रहने वाले लोग पुराने तौर-तरीकों से ही अपना जीवन यापन करना पसंद करते है। इस वजह से आपको इस ट्रेक के दौरान आधुनिकता से परे एक अलग हो प्रकार की जीवन शैली को नजदीक से देखने का मौका मिलता है। लेकिन फिर भी हर की दून आने वाले कुछ ट्रेकर्स के मन में कुछ सवाल होते है। आज के इस ब्लॉग में आप के इन्ही सवालों के जवाब देने का प्रयास करूँगा…
01 हर की दून ट्रेक कहाँ से शुरू होता है ?
02 हर की दून ट्रेक में कितना टाइम लगता है ?
03 हर की दून ट्रेक के दौरान क्या- क्या सुविधा मिलती है ?
04 क्या हर की दून ट्रेक सुरक्षित है ?
05 हर की दून ट्रेक में कितना खर्च आता है ?
06 हर की दून ट्रेक करने का सबसे अच्छा टाइम क्या है ?
07 हर की दून का इतिहास क्या है ?
08 हर की दून ट्रेक कितना मुश्किल है ?
हर की दून ट्रेक – Har ki Dun Trek in Hindi
हर की दून ट्रेक हिमालय की स्वर्गारोहिणी पर्वत श्रृंखला की तलहटी में स्थित एक बेहद ही सुन्दर घाटी है। वास्तव में आप हर की दून ट्रेक के दौरान एक बेहद सुन्दर घाटी की यात्रा करते है। इसी वजह से हर की दून का ट्रेक एक आसान श्रेणी का ट्रेक माना जाता है। हर की दून ट्रेक के दौरान आप उत्तराखंड के कुछ ऐसे गाँव से होकर गुजरते है जिन्हे आधुनिकता आज भी नहीं छू पाई है।
आज भी इन गाँव में रहने वाले लोग पुराने तौर-तरीकों से ही अपना जीवन यापन करना पसंद करते है। और अपने आप को जितना हो सके उतना ज्यादा प्रकृति के नजदीक रखने की कोशिश करते है। इन सब के अलावा हर की दून के आसपास रहने वाले लोग यहाँ ट्रेक करने आने वाले लोगो का दिल खोल कर स्वागत करते है।
जो की आप की हर की दून यात्रा को और भी यादगार बना देता है। हर की दून ट्रेक के दौरान आप यहाँ के स्थानीय निवासियों को हरे घास के मैदानों में अपने पालतू जानवरों के चराते हुए देख सकते है। समुद्रतल से 3566 मीटर ( 11700 फ़ीट ) की ऊँचाई पर स्थित हर की दून ट्रेक की कुल लम्बाई 54 किलोमीटर है।
इस ट्रैक को पूरा करने में सामान्य रूप से आपको कुल 7-8 दिन का समय लग सकता है। लेकिन कुछ लोग इस ट्रैक को 9-10 दिन में भी पूरा करते है ताकि वह लोग हर की दून के आसपास के क्षेत्र को अच्छे से एक्सप्लोर कर सके। वैसे तो आप यह ट्रेक पूरे साल के कभी भी कर सकते है। पूरे साल में हर मौसम के समय हर की दून ट्रेक एक अलग ही खूबसूरती प्रदर्शित करता है।
लेकिन बारिश के मौसम में यह ट्रेक करने से बचना चाहिए। इसका मुख्य कारण है कि हाल के वर्षों में हिमालय के पहाड़ो में मानसून के सीजन में भूस्खलन बहुत ज्यादा होने लगे है। हर की दून प्राकृतिक रूप से बहुत सुंदर घाटी है इसको देख कर लगता है कि मानो ईश्वर ने अपने हाथों से इस जगह का निर्माण किया है।
प्राकृतिक सुंदरता के अलावा हर की दून से हिमालय की कुछ प्रमुख पर्वत श्रृंखलाओं के दृश्य दिखाई देते जिनमें प्रमुख रूप से स्वर्गारोहिणी 1, स्वर्गारोहिणी 2, स्वर्गारोहिणी 3, स्वर्गारोहिणी 4, बन्दरपुच्छ और काला नाग (ब्लैक पीक) आदि है। आप जब हर की दून ट्रेक करने के कार्यक्रम बनाये तब आपको इस बात का अवश्य ध्यान रखना है कि हर की दून ट्रेक करते समय या तो आप स्थानीय गाइड अपने साथ रखे या फिर किसी ऐसी ट्रैकिंग एजेंसी के साथ यह ट्रेक करें जो कि आपको सुरक्षित रूप से यह ट्रेक करवा सके।
हालांकि बहुत सारे एक्सपर्ट ट्रेकर्स अकेले ही यह ट्रेक पूरा कर लेते है, लेकिन यदि आप के पास ट्रैकिंग का पूर्व अनुभव नहीं है तो आपको यह ट्रेक किसी एजेंसी या किसी स्थानीय गाइड की सहायता से ही यह ट्रेक करना चाहिए। इसका फायदा आपको यह होगा कि हर की दून ट्रेक करते समय आप इस ट्रैक का पूरा आनंद ले सकते है और आपको ट्रैकिंग के दौरान आने वाली किसी भी तरह की समस्या या सुविधा पर ध्यान नही देना पड़ता।
बल्कि हर की दून ट्रेक से जुड़े हुए पूरे यात्रा कार्यक्रम का ध्यान या तो स्थानीय गाइड रखता है या फिर वो ट्रैकिंग एजेंसी जिसके साथ आप यह ट्रेक कर रहे है।
हर की दून ट्रेक कार्यक्रम – Har ki Dun Trek Itinerary in Hindi
हिमालय के सबसे खूबसूरत ट्रैक्स में से एक हर की दून ट्रेक को पूरा करने के लिए आपके पास कम से कम 7-8 दिन का समय होना चाहिए। क्योंकि की इस यह ट्रेक करते समय आपको लगभग 50 किलोमीटर से भी ज्यादा पैदल चलना होता है। भारत में जितनी भी ट्रैकिंग एजेंसीज है वो लोग देहरादून से आपके हर की दून ट्रेक की शुरआत करते है, और आपके इस ट्रेक को समाप्त भी देहरादून में ही करते है।
इसके अलावा आपके घर से देहरादून पहुँचने के समय अतिरिक्त माना जाता है। इसलिए आपको इस बात का विशेष रूप से यह ध्यान रखना है की देहरादून से हर की दून में लगने वाले समय के अलावा आपको 2-4 दिन का समय भी अपने पास अतिरिक्त रखना है ताकि आपको यह ट्रेक करते समय किसी भी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े।
नोट :- आप को इस बात का ध्यान रखना है की हर की दून ट्रेक के लिए आपको साँकरी से परमिट लेना होगा। अगर आप के पास परमिट नहीं है तो आप हर की दून ट्रेक नहीं कर पाएंगे।
हर की दून ट्रेक पहला दिन – Day One Har ki Dun Trek In Hindi
देहरादून – साँकरी – दूरी 190 Km
हर की दून ट्रेक के पहले दिन आपको देहरादून से 190 किलोमीटर की दुरी पर स्थित साँकरी गाँव तक पहुँचना है। अगर आप किसी ट्रैकिंग एजेंसी के साथ यह ट्रेक कर रहे है तो वो लोग आप एक निर्धारित स्थान के बारे में पहले से बता देंगे। एजेंसी द्वारा बताये गए स्थान पर आपको तय समय पर पहुंचना है। बस द्वारा देहरादून से साँकरी पहुंचने में आपको 8-10 घंटे का समय लगेगा।
और अगर आप कैब या शेयर्ड टैक्सी से साँकरी आ रहे है तो आप कुछ घंटो में साँकरी पहुंच जाएंगे। पहले दिन आप साँकरी पहुंचने के बाद होमस्टे या होटल में रुक सकते है। और अगर आप किसी ट्रैकिंग एजेंसी के साथ यह ट्रेक कर रहे है तो वो लोग आप के साँकरी में रुकने के व्यवस्था पहले से कर रखते है।
हर की दून ट्रेक दूसरा दिन – Day Two Har ki Dun Trek In Hindi
साँकरी – तालुका (12 किलोमीटर मोटरेबल रोड) – सीमा गाँव ( 15km ट्रैकिंग)
पहले दिन साँकरी पहुँचने के बाद आपको अगले दिन ट्रेक जल्दी शुरू करें। दूसरे दिन के ट्रेक के दौरान आपको साँकरी से सीमा गाँव तक पहुंचना होता है। साँकरी से सीमा गांव की दूरी 26 किलोमीटर है, जिसमें 12 किलोमीटर की मोटरेबल रोड है जो कि आपको तालुका गाँव तक ले जाती है। साँकरी से तालुका जाने के लिए आप यहाँ पर चलने वाली स्थानीय जीप की सहायता ले सकते है।
साँकरी से 12 किलोमीटर ड्राइव के बाद आपको सीमा गाँव तक पहुँचने के लिए 14 किलोमीटर का ट्रैक पैदल ही पूरा करना पड़ेगा। सीमा गाँव पहुँचने के बाद आप यहां बने हुए होमस्टे में ठहर सकते है। अगर आप किसी ट्रैकिंग एजेंसी या ट्रेक गाइड के साथ यह ट्रेक कर रहे है तो यह लोग सीमा गाँव मे आपके ठहरने की व्यवस्था पहले से करके रखते है।
साँकरी से तालुका जाने वाली सड़क बेहद सुंदर है। इस 12 किलोमीटर की यात्रा के दौरान आप अखरोट, चिनार और शाहबलूत जैसे पेड़ो के घने जंगलों के बीच मे होकर गुजरते है। उसके बाद तालुका से सीमा गांव के पैदल ट्रेक के दौरान आप सूपिन नदी के पास से होकर गुजरते है।
तालुका से सीमा गांव का ट्रैक आसन है पूरे ट्रेक के दौरान आप लगभग समतल जमीन पर ही ट्रेक करते है, बस कभी कभार आपको थोड़ी बहुत चढ़ाई करनी होती। इस 14 किलोमीटर लंबे ट्रेक के दौरान आपको कभी-कभी लकड़ी से बने हुए पुल से भी होकर गुजरना होगा।
हर की दून ट्रेक तीसरा दिन – Day Three Har ki Dun Trek In Hindi
सीमा गाँव – कलकती धार (06 Km ट्रैकिंग) – हर की दुन (06 Km ट्रैकिंग)
दूसरे दिन का 12 किलोमीटर लंबा ट्रेक करने के बाद आप सीमा गाँव मे बने हुए होम स्टे में आराम करने के बाद आपको अगले दिन सुबह जल्दी हर की दून के लिये निकल सकते है। सीमा गाँव से हर की दून की दूरी 12 किलोमीटर है। लेकिन आप इस 12 किलोमीटर को 02 भागों में बांट सकते है।
सीमा गाँव से 06 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कलकती धार आपका हर की दून ट्रेक का पहला स्टॉप होगा। आप कलकती धार पर कुछ देर आराम करने के बाद हर की दून की तरफ आगे बढ़ सकते है। कलकती धार से आपको स्वर्गारोहिणी और बन्दरपुच्छ जैसी पर्वतमालाएं साफ-साफ दिखाई देने लग जाती है। कलकती धार से हर की दून ट्रेक के पूरे दृश्य ही बदल जाते है।
कलकती धार से 06 किलोमीटर का ट्रैक करने के बाद आप स्वर्गारोहिणी पर्वत की तलहटी में स्थित हर की दून जैसी खूबसूरत जगह पर पहुँच जाते है। आज के दिन यहां पहुँच कर आप आराम कर सकते है या फिर हर की दून के आसपास स्थित जगहों को एक्सप्लोर भी कर सकते है।
ट्रेकर्स के लिये हर की दून एक बहुत शानदार कैंपिंग साइट माना जाता है। घाटी में बहने वाली नदी इस जगह की खूबसूरती को और भी ज्यादा बढ़ा देती है।
हर की दून ट्रेक चौथा दिन – Day Four Har ki Dun Trek In Hindi
हर की दून – जौंधर ग्लेशियर और मनिंदा ताल
हर की दून ट्रेक का चौथा दिन आपके लिए इस खूबसूरत जगह को एक्स्प्लोर करने का है। इस दिन आप सुबह जल्दी उठ कर स्वर्गारोहिणी पर्वत के पीछे हो रहे सूर्योदय के आंनद ले सकते है। और इसके अलावा हर की दून से 3 किलोमीटर दूर स्थित जौंधर ग्लेशियर भी देखकर आ सकते है।
हर की दून से 3 किलोमीटर की पर स्थित मनिंदा ताल के लिए भी आप समय निकाल सकते है। बहुत सारे ट्रेकर्स हर की दून के पास स्थित सुंदर जगहों को एक्स्प्लोर करने के लिये इस जगह पर 1-2 दिन तक रूकना पसंद करते है।
हर की दून ट्रेक पाँचवां दिन – Day Five Har ki Dun Trek In Hindi
हर की दून – ओसला (12 Km ट्रैकिंग )
हर की दून ट्रेक के पांचवें दिन आप वापस देहरादून की तरफ रवाना होते है। आज के दिन के ट्रेक में आप को वापस 12 किलोमीटर का ट्रेक करना है। लेकिन इस 12 किलोमीटर में आप वापस सीमा गांव की तरफ ना जाकर एक नया रुट लेते है जो की ओसला गांव की और जाता है। उत्तराखंड में स्थित ओसला गांव अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए बहुत ज्यादा प्रसिद्ध है।
यहाँ के लोग आज भी सांस्कृतिक रूप से बेहद समृद्ध है। आज भी ओसला गांव में बने हुए अधिकांश घर लकड़ी के है जो की पर्यटन के हिसाब से भी इस जगह को बाकि और पर्यटन स्थलों से अलग बनाते है। ओसला गांव के स्थानीय निवासी बहुत मिलनसार होते है, हो सके तो इस गांव के लोगों से मिलकर बातचीत जरूर करना।
ओसला गांव में ही महाभारत काल के समय से बना हुआ दुर्योधन का मंदिर है जो की जुलाई और अगस्त महीने में खुलता है। ओसला गांव कई होमस्टे बने हुए है जहाँ पर आप रात को रुक सकते है। और इन्ही होमस्टे में आपको भोजन की व्यवस्था भी मिल जायेगी।
हर की दून ट्रेक छठा दिन – Day Six Har ki Dun Trek In Hindi
ओसला – गंगाड (4 Km ट्रैकिंग ) – तालुका (8 Km ट्रैकिंग ) – साँकरी (12 Km ड्राइव)
अगले दिन सुबह जल्दी आपको साँकरी के लिए रवाना होना है। ओसला से साँकरी रवाना होने पर आपका जो पहला स्टॉप आएगा वो है गंगाड गांव। ओसला से गंगाड गांव की दुरी मात्र 04 किलोमीटर है। और गंगाड से 08 किलोमीटर की पैदल दुरी पर स्थित है तालुका। तालुका से आप जीप की सहायता से साँकरी तक पहुँच सकते है।
हर की दून ट्रेक सातवां दिन – Day Seven Har ki Dun Trek In Hindi
साँकरी – देहरादून – दूरी 190 Km
हर की दून ट्रेक का आपका यह आखरी दिन है। आज के दिन आप सुबह साँकरी से देहरादून जाने वाली बस लेकर देहरादून पहुँच सकते है। साँकरी से देहरादून के लिए आपको बस, शेयर्ड टैक्सी और टैक्सी सर्विस उपलब्ध मिल जायेगी।
नोट :- हर की दून ट्रेक के समय आप के साथ ट्रेक गाइड होना अनिवार्य है। अगर आप बिना ट्रेक गाइड के यह ट्रेक करते है तो फारेस्ट डिपार्मेंट वाले आपको यह ट्रेक करने की अनुमति नहीं देंगे। इसलिए हर की दून ट्रेक करने से पहले आप ट्रेक गाइड जरूर कर ले।
हर की दून ट्रेक के लिए सबसे अच्छा समय – Best Time For Har ki Dun Trek In Hindi
स्वर्गारोहिणी पर्वत की तलहटी में स्थित हर की दून घाटी का ट्रेक पुरे साल किया जा सकता है। वैसे तो यह जगह पुरे साल में मौसम के हिसाब से एक अलग ही तरह की खूबसूरती दिखाती है। वैसे अप्रैल से लेकर जून महीने के समय हर की दून ट्रेक के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। अगर आप अप्रैल महीने के पहले सप्ताह में यह ट्रेक करने जाते है तो आपको यहाँ पर अच्छी खासी बर्फ देखने को मिल सकती है।
मानसून के मौसम में यह ट्रेक करना सुरक्षित नहीं माना जाता है, क्योंकि हाल के वर्षो में मानसून के सीजन में हिमालय के पहाड़ों में भूस्खलन बहुत ज्यादा होने लगे है। इस वजह से मानसून के मौसम में आप यह ट्रेक ना ही करें तो अच्छा है। मानसून के बाद इस जगह पर एक अलग ही खूबसूरती दिखाई देती है।
अगर आप को बर्फ में ट्रेक करना अच्छा लगता है तो आप सर्दीयों के मौसम में भी हर की दून का ट्रेक कर सकते है। कुल मिला कर मानसून के मौसम को छोड़ कर आप पुरे साल कभी भी यह ट्रेक कर सकते है। अब ये आप पर निर्भर करता है की आप किस समय यह ट्रेक करना चाहते है। बाकि आप पुरे साल में कभी भी यह ट्रेक करने जाए आप को यहाँ पर एक अलग ही आनंद की अनुभूति होगी।
हर की दून का तापमान – Temprature of Har Ki Dun In Hindi
01 गर्मियों में हर की दून का तापमान – Har ki Dun Temperature in Summer
अप्रैल से जून महीने तक – अधिकतम: लगभग 20-25℃ / न्यूनतम: लगभग 3-5℃
02 मानसून में हर की दून का तापमान – Har Ki Dun temperature in Monsoon
जुलाई से सितंबर महीने तक – अधिकतम: लगभग 15-20℃ / न्यूनतम: लगभग 6-9℃
03 सर्दियों में हर की दून का तापमान – Har Ki Dun Temperature in Winter
अक्टूबर से फरवरी महीने तक – अधिकतम: लगभग 10℃ / न्यूनतम: लगभग -10℃ और कम
हर की दून ट्रेक कॉस्ट – Har Ki Dun Trek Cost In Hindi
भारत की कई प्रमुख ट्रैकिंग एजेंसी पुरे साल हर की दून ट्रेक करवाती है। लगभग सभी ट्रैकिंग एजेंसी के पास अनुभवी ट्रेक गाइड होते है। हर की दून ट्रेक की अनुमानित लागत 8000/- से 18000/- तक जाती है। अब यह निर्भर करता है की आप किस ट्रैकिंग एजेंसी के साथ यह ट्रेक कर रहे है।
इसके अलावा आप का यह ट्रेक कितने दिन का है, ग्रुप में कितने लोग है, ट्रेक के दौरान आपको क्या-क्या सुविधा मिल रही है। इसके अलावा अगर आप पीक सीजन में यह ट्रेक कर रहे तो भी आपकी ट्रेक कॉस्ट बढ़ जाती है। अगर आप ऑफ सीजन में यह ट्रेक कर रहे है तो आपकी ट्रेक कॉस्ट कम हो जाएगी।
इसके अलावा अगर आप साँकरी में हर की दून ट्रेक के लिए गाइड करते है तो आपकी ट्रेक कॉस्ट और भी कम हो जायेगी। बस आपको गाइड के साथ अच्छे से मोलभाव करना होगा।
हर की दून ट्रेक के लिए टिप्स – Tips For Har Ki Dun Trek in Hindi
01 पहचान पत्र
02 मफलर
03 पानी की बोतल ( 3-5 से लीटर )
04 ड्राई फ्रूट्स और पैकेट फ़ूड
05 गरम कपड़े ( स्वेटर / जैकेट / पुल ओवर )
06 पोंचो / रेन कोट ( बारिश के मौसम के लिए )
07 धुप का चश्मा
08 टोर्च / पॉवर बैंक / कैमरा के लिए एक्स्ट्रा बैटरी
09 कैंपिंग का सामान अगर संभव हो। ( चटाई / स्लीपिंग बैग )
10 इलेक्ट्रॉनिक सामान को बारिश से बचाने के वाटरप्रूफ बैग।
11 नींबू और नमक या इलेक्ट्रोलाइट पाउडर/पेय (इलेक्ट्रल/गेटोरेड/ग्लूकॉन डी)
12 ट्रैकिंग शूज / ट्रैकिंग पेंट / क्विक ड्राई टीशर्ट /केप
13 सीटी (आपात स्थित के लिए )
14 प्राथमिक चिकित्सा किट :- कैंची, सनस्क्रीन (एसपीएफ़ 50+), बैंड एड्स (वाटर प्रूफ), एनाल्जेसिक स्प्रे (रिलीस्प्रे, वोलिनी), एंटीसेप्टिक लिक्विड (सेवलॉन, डेटॉल), एंटीसेप्टिक पाउडर (पोविडोन-आयोडीन आधारित पाउडर जैसे सिप्लाडाइन, सेवलॉन), पट्टी, रुई, क्रेप पट्टी आदि।
15 दवाइयां :- बुखार , सिरदर्द , मोशन सिकनेस , लूज़ मोशन , उल्टी और एसिडिटी आदि ।
16 हर की दून ट्रेक शुरू करने से पहले मौसम के बारे में जरूर पता करें।
17 अगर आप को पहाड़ों में ट्रैकिंग का अनुभव नहीं है तो अपने साथ स्थानीय गाइड कर सकते है।
18 ट्रेक शुरू करने से पहले आप जिस ट्रैकिंग एजेंसी के साथ यह ट्रेक कर रहे है तो आप सबसे पहले यात्रा कार्यक्रम की जानकारी जरूर लेना ना भूले
19 ट्रेक शुरू करने से पहले हर की दून ट्रेक से जुड़े हुए नियमों के बारे में जानकारी जरूर ले लेवें।
20 अगर आप किसी ट्रैकिंग एजेंसी के साथ यह ट्रेक नहीं कर रहे है तो आप अपने साथ स्थानीय ट्रेक गाइड जरूर कर लेवें।
21 अगर आप एक अनुभवी ट्रेकर नहीं है तो भूल कर भी यह ट्रेक अकेले ना करें।
22 ट्रेक के दौरान आपको किसी भी तरह के मोबाइल नेटवर्क नहीं मिलते है। साथ में ही आपको आपके इलेक्ट्रॉनिक उपकरण चार्ज करने की सुविधा भी उपलब्ध नहीं होगी इसलिए आप ट्रेक के दौरान अतिरिक्त बैटरी और पॉवरबैंक जरूर साथ रखें।
23 मानसून के मौसम में ट्रेक फिसलन भरा हो जाता है इसलिए इस समय थोड़ी अतिरिक्त सावधानी रखें।
( नोट :- किसी भी तरह के दवाई लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लेवें। )
हर की दून कैसे पहुँचे – How To Reach Har Ki Dun in Hindi
हवाई मार्ग से हर की दून कैसे पहुँचे – How To Reach Har Ki Dun By Air in Hindi
देहरादून का जॉली ग्रांट एयरपोर्ट हर की दून के सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है। देहरादून हवाई अड्डे से साँकरी (हर की दून ) की दूरी मात्र 200 किलोमीटर है। देहरादून से आप बस, कैब और शेयर्ड टैक्सी की सहायता से साँकरी (हर की दून ) पहुँच सकते है। देहरादून हवाई अड्डा भारत के प्रमुख हवाई अड्डों से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
रेल मार्ग से हर की दून कैसे पहुँचे – How To Reach Har Ki Dun By Train in Hindi
हरिद्वार, ऋषिकेश और देहरादून रेलवे स्टेशन साँकरी (हर की दून) के सबसे ज्यादा नजदीकी रेलवे स्टेशन है। यह तीनो रेलवे स्टेशन भारत के सभी प्रमुख शहरों से रेल मार्ग द्वारा बहुत अच्छी तरह से जुड़े हुए है।
लेकिन अधिकांश लोग हर की दून के लिए देहरादून रेलवे स्टेशन आना पसंद करते है। आपको देहरादून से साँकरी (हर की दून) के लिए सीधी बस सेवा उपलब्ध मिल जायेगी। इस अलावा आप कैब और शेयर्ड टैक्सी से भी बड़ी आसानी साँकरी (हर की दून)पहुँच सकते है।
सड़क मार्ग से हर की दून कैसे पहुँचे – How To Reach Har Ki Dun By Road in Hindi
हर की दून पहुँचने के लिए आपको सबसे पहले देहरादून आना होगा। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून सड़क मार्ग द्वारा भारत के प्रमुख शहरों से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। उसके बाद आप देहरादून से साँकरी(हर की दून) के लिए सुबह जल्दी जाने वाली बस पकड़ सकते है। आपको इस बात ध्यान रखना है कि सुबह सिर्फ तीन बस ही साँकरी(हर की दून) के लिए देहरादून से रवाना होती है।
इसके बाद आप बस के द्वारा पुरोला ओर मोरी पहुँच सकते है, यहाँ से आप शेयर्ड टैक्सी की सहायता से साँकरी (हर की दून) पहुँच सकते है। देहरादून से साँकरी (हर की दून) जाने वाली बसों की जानकारी इस प्रकार है:-
पहली बस – सुबह 05:30 बजे(प्राइवेट)
दूसरी बस – सुबह 06:30 बजे (प्राइवेट)
तीसरी बस – सुबह 08:00 बजे (सरकारी)
देहरादून से साँकरी तक कि बस यात्रा के लिए आपको 10 घंटे का समय लगेगा। इसके अलावा आप टैक्सी जिसका अनुमानित किराया 5000-8000 रुपये है कि सहायता से भी साँकरी पहुँच सकते है।
आप चाहे तो शेयर्ड कैब की सहायता से भी साँकरी तक जा सकते है लेकि शेयर्ड कैब आपको पुरोला ड्राप कर देती है और उसके बाद आपको पुरोला से साँकरी के लिए दुबारा शेयर्ड कैब लेनी होगी। शेयर्ड कैब के आपको लगभग 700-800 रुपये खर्च करने होंगे। और बस में आप सिर्फ 300-400 रुपये देकर ही साँकरी पहुँच सकते है।
Dehradun to Har Ki Dun Distance – 200 KM
Rishikesh to Har Ki Dun Distance – 180 KM
Haridwar to Har Ki Dun Distance – 200 KM
Delhi to Har Ki Dun Distance – 440 KM
(अगर आप मेरे इस आर्टिकल में यहाँ तक पहुंच गए है तो आप से एक छोटा से निवदेन है की नीचे कमेंट बॉक्स में इस लेख से संबंधित आपके सुझाव जरूर साझा करें, और अगर आप को कोई कमी दिखे या कोई गलत जानकारी लगे तो भी जरूर बताए। में यात्रा से संबंधित जानकारी मेरी इस वेबसाइट पर पोस्ट करता रहता हूँ, अगर मेरे द्वारा दी गई जानकारी आप को पसंद आ रही है तो आप अपने ईमेल से मेरी वेबसाइट को सब्सक्राइब जरूर करे, धन्यवाद )