गौमुख तपोवन ट्रेक 2024 | Gaumukh Tapovan Trek 2024 in Hindi | Gaumukh Tapovan Trekking Route & Itinerary in Hindi | Gaumukh Tapovan Trek Complete Travel Guide in Hindi | Best time to Visit in Hindi | Trek Route in Hindi | Trek Cost in Hindi | Gaumukh Tapovan Trek Guide 2024 in Hindi

गौमुख तपोवन – Gaumukh Tapovan In Hindi

गौमुख – Gaumukh in Hindi


Gaumukh | Click in Image For Credits

गंगोत्री ग्लेशियर हिमालय के सबसे बड़े ग्लेशियर में से एक है। मूलरूप से यह ग्लेशियर भारत के उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में स्थित है। वैसे गंगोत्री ग्लेशियर भारत के लिए भौगोलिक रूप से महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ धार्मिक महत्व भी रखता है। हिमालय में जिस स्थान पर गंगोत्री ग्लेशियर समाप्त होता है उस जगह का आकार एक गाय के मूहँ की तरह दिखाई देता है।

और हिन्दू धर्म मे गाय को माता माना जाता है और इसी वजह से गंगोत्री ग्लेशियर के मुहाने को गौमुख के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा गौमुख हिन्दू धर्म की सबसे पवित्र नदी गंगा की सबसे प्रमुख जल धारा जिसे भागीरथी नदी के नाम से जाना जाता है का उद्गम स्थल भी है। जिस वजह से गौमुख (गंगोत्री ग्लेशियर) की हिन्दू धर्म मे धार्मिक महत्ता और भी बढ़ जाती है।

गौमुख की समुद्रतल से ऊंचाई मात्र 4023 मीटर (13200 फ़ीट) है। लगभग 27 घन किलोमीटर में फैले हुए गंगोत्री ग्लेशियर को हिमालय का सबसे बड़ा ग्लेशियर माना जाता है। इस ग्लेशियर की लंबाई 30 किलोमीटर और चौड़ाई लगभग 2 से 4 किलोमीटर के आसपास है। गंगोत्री धाम से लगभग 19 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गौमुख से आपको माउंट शिवलिंग, माउंट थलए सागर, माउंट मेरू और भागीरथ तृतीय जैसे हिमालय के विशाल पर्वत दिखाई देते है।

और वहीं गौमुख से मात्र कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक घास का मैदान और है जिसे तपोवन के नाम से भी जाना जाता है। तपोवन के बारे में बात करने से पहले में आपको गौमुख से जुड़े कुछ ऐसे घटनाक्रमों के बारे में बताना चाहूँगा जिन को वजह से गौमुख (गंगोत्री ग्लेशियर) को विश्व पटल पर एक अलग पहचान मिली  है।

वर्ष 1972 में मॉरीशस के तत्कालीन प्रधानमंत्री सर शिवसागर रामगुलाम जब भारत दौरे पर थे उस समय उनके लिए गौमुख (गंगोत्री ग्लेशियर) से गंगा जल लाया गया जिसे बाद में उन्होंने मॉरीशस के ग्रैंड बेसिन में मिला दिया गया। उस समय उन्होंने मॉरीशस में रहने वाले हिंदुओ के सम्मान में इस जगह का नाम गंगा तलाव रखा।

इसके अलावा वर्ष 2013 उत्तराखंड में बादल फटने की वजह से ग्लेशियर में  बड़ी-बड़ी दरारें आ जाती है। और इन्ही दरारों की वजह से 26 जुलाई 2016 में जब उत्तराखंड में बहुत तेज बारिश होती है तो उस समय गौमुख (गंगोत्री ग्लेशियर) के मुहाने का एक बहुत बड़ा हिस्सा बारिश की वजह से ढह जाता है।

तपोवन – Tapovan in Hindi


Mount Shivling View From Tapovan | Click on image For Credits

अब जब हम तपोवन की बात करते है तो में आपको यह बताना चाहूँगा की यह जगह गंगोत्री ग्लेशियर के ऊपर का क्षेत्र है। समुद्रतल से मात्र 4,463 मीटर (14640 फीट) ऊंचाई पर स्थित इस जगह के लिए यह माना जाता है की एक समय पर यहाँ  ऋषि और साधु तपस्या करने के लिए आया करते थे। भौगोलिक रूप से हिमालय में तपोवन क्षेत्र माउंट शिवलिंग की तलहटी में स्थित एक घास का मैदान है।

ऐसा माना जाता है की यह जगह गुफाओं और झोपड़ियों में रहने वाले साधुओं का मौसमी घर है, और इसी वजह से इस जगह को तपोवन भी कहा जाता है क्योंकि की एक समय पर इस स्थान पर साधु महात्मा तपस्या  करने के लिए आया करते थे। वर्तमान में तपोवन एक बहुत प्रसिद्ध ट्रैकिंग डेस्टिनेशन के रूप में जाना जाता है।

गौमुख से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर स्थित होने की वजह से अधिकांश ट्रेकर्स तपोवन तक जाना भी पसंद करते है। और यही वजह है कि इस पूरे ट्रेक को गौमुख तपोवन ट्रेक के नाम से जाना जाता है। वर्ष 2013 में आई भयंकर बाढ़ की वजह गौमुख और तपोवन की तरफ जाने वाले रास्ते को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचता है जिस वजह से यहां तक पहुंचना अब ओर भी ज्यादा मुश्किल हो गया है।

तपोवन क्षेत्र माउंट शिवलिंग, भागीरथी शिखर जैसे कई पर्वतारोहण अभियानों का आधार शिविर भी माना जाता है। इसके अलावा तपोवन को भारत मे सबसे ज्यादा ऊंचाई पर स्थित घास के मैदानों में से एक माना जाता है। यहां आपको पर बड़े घास के मैदान और कई किस्म की फूलों की प्रजातियां देखने को मिलती है।

तपोवन में ग्लेशियर से निकलने वाली अमृत गंगा नाम की जलधारा भी बहती है। इस क्षेत्र से कुछ ही दूरी पर स्थित नंदनवन नाम की जगह है जो कि भागीरथी मासिफ की तलहटी में स्थित एक और विशाल घास का मैदान है। कई ट्रेकर्स और तीर्थयात्री इस जगह जाना बेहद पसंद करते है।

गौमुख तपोवन ट्रेक – Gaumukh Tapovan Trek in Hindi


Gangotri Glacier | Click on image for Credits

अगर आपको हिमालय के सबसे विशाल पर्वतों को एक साथ देखने है तो आपको गौमुख तपोवन ट्रेक जरूर करना चाहिए। गौमुख तपोवन ट्रेक भारत के सबसे पसंदीदा ट्रेक में से एक माना जाता है। और इसकी सामान्य सी वजह है यहाँ से दिखाई देने वाले हिमालय के विशाल पर्वत जैसे माउंट शिवलिंग और भागीरथी सिस्टर्स आदि।

हालाँकि हाल के वर्षों में रूपिन दर्रा, रूपकुंड और हम्पटा दर्रा जैसे ट्रेक ने काफी लोकप्रियता हासिल की है लेकिन इसके बावजूद भी बहुत सारे ट्रेकर्स के लिए गौमुख तपोवन ट्रेक उनकी पहली पसंद बना हुआ है। गंगोत्री से शुरू होने वाला गौमुख तपोवन ट्रेक की कुल दुरी लगभग 46 किलोमीटर है जिसे पूरा करने में लगभग 06 दिन का समय लगता है।

गौमुख और तपोवन यह दोनों जगह उत्तराखंड के गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान की सीमा में आते है और इसके अलावा तपोवन हिमालय के कई विशाल पर्वत जैसे माउंट शिवलिंग और भागीरथी शिखर के पर्वतारोहण का आधार शिविर भी है। गौमुख तपोवन ट्रेक का आधार शिविर है गंगोत्री जिसकी समुद्रतल से ऊंचाई लगभग 3415 मीटर (11204 फ़ीट) है।

और आप जब गंगोत्री से यह ट्रेक शुरू करके तपोवन पहुंचते है तो आप समुद्रतल से लगभग 4,463 मीटर (14640 फीट) ऊंचाई तक पहुंच जाते है। गंगोत्री से तपोवन की दुरी लगभग 23 किलोमीटर है और यह ट्रेक पूरा करते समय आपको कई तरह के दुर्गम रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है।

ऐसा नहीं है की सिर्फ ट्रेकर्स ही गौमुख तपोवन ट्रेक करते है बल्कि हिन्दू धर्म में गौमुख को गंगा नदी का उद्गम स्थल माना जाता है और तपोवन के लिए माना जाता है की इस स्थान पर अनेको साधु संतो ने तपस्या की है। इस वजह से आपको इस पुरे ट्रेक के दौरान बहुत सारे श्रद्धालु भी मिल सकते है।

गंगोत्री से शुरू होने वाले गौमुख तपोवन ट्रेक के दौरान आपके रास्ते में देवगढ़, चिरबासा और भोजबासा नाम के स्थान आते है, जिनमे भोजबासा इस पुरे ट्रेक के ऐसा आखरी स्थान है जहाँ पर आपको रुकने के लिए व्यवस्था मिल जायेगी और इसके अलावा यहाँ पर वन विभाग का चेक पोस्ट भी बना हुआ है। वर्ष 2013 में चिरबासा के आगे भूस्खलन हो गया था जिसकी वजह से अब इस ट्रेक को पूरा करना थोड़ा मुश्किल हो गया है।

कुल मिलाकर गौमुख तपोवन ट्रेक करने के लिए आप अपने आपको शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार कर लेना चाहिए ताकि आपको यह ट्रेक पूरा करने में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना ना करना पड़े। इसके अलावा यहाँ पर एक सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की बिना किसी अनुभवी ट्रेकर या फिर किसी अच्छी ट्रैकिंग एजेंसी के बिना आपको ये ट्रेक अकेले किसी भी तरह से नहीं करना चाहिए।

गौमुख तपोवन ट्रेक वैसे तो मध्यम से कठिन श्रेणी का ट्रेक माना जाता है लेकिन इसके बावजूद भी आपको यह ट्रेक अकेले नहीं करना चाहिए। आज के इस ब्लॉग पोस्ट में आपके इस ट्रेक से जुड़े हुए कुछ सामान्य प्रश्नो का जवाब देना चाहूँगा जो की आपके मन में इस ट्रेक पर जाने से पहले आ रहे होंगे …..

01 गौमुख तपोवन ट्रेक कहाँ से शुरू होता है ?

02 गौमुख तपोवन ट्रेक में कितना टाइम लगता है ?

03 गौमुख तपोवन के दौरान क्या- क्या सुविधा मिलती है ?

04 क्या गौमुख तपोवन ट्रेक सुरक्षित है ?

05 गौमुख तपोवन ट्रेक में कितना खर्च आता है ?

06 गौमुख तपोवन ट्रेक करने का सबसे अच्छा टाइम क्या है ?

07 गौमुख तपोवन का इतिहास क्या है ?

08 गौमुख तपोवन ट्रेक कितना मुश्किल है ?

गौमुख तपोवन ट्रेक – पहला दिन – देहरादून से गंगोत्री (दुरी 242 किलोमीटर) – अवधि (7-8 घंटे) सड़क मार्ग द्वारा

लगभग सभी ट्रैकिंग एजेंसी गौमुख तपोवन ट्रेक के लिए देहरादून ही निर्धारित करती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि देहरादून इस ट्रेक का ऐसा बिंदु है जहाँ पर सभी ट्रेकर एक साथ इकट्ठे होकर गौमुख तपोवन ट्रेक को शुरुआत कर सकते है। अब आप और आप का पूरा ट्रैकिंग ग्रुप यहाँ से शेयर्ड कैब की सहायता से गंगोत्री के लिए रवाना होते है (गंगोत्री गौमुख तपोवन का ट्रेक का आधार शिविर भी है)।

यहाँ पर यह ध्यान देने योग्य बात है की कुछ ट्रैकिंग एजेंसी देहरादून से गंगोत्री जाते समय उत्तरकाशी के पास में स्थित गंगनानी नाम की जगह पर रुकते है। गंगनानी वास्तव में एक गर्म पानी का झरना है जहाँ पर आप स्नान कर सकते है। यहाँ पर स्नान करने के बाद आप गंगोत्री के लिए रवाना हो सकते है और रात्रि विश्राम भी हमें गंगोत्री में ही करना होता है।

अगर आप किसी ट्रैकिंग एजेंसी के साथ यह ट्रेक कर रहे है तो वो आपके लिए होटल या गेस्टहाउस में पहले से रूम बुक करके रखते है।

गौमुख तपोवन ट्रेक – दूसरा दिन – गंगोत्री से चिरबासा (दुरी 09 किलोमीटर) – अवधि (6 घंटे) ट्रेक द्वारा

ट्रेक के दूसरे दिन आप सुबह जल्दी गंगोत्री से चिरबासा के लिए निकल सकते है। आज के दिन आप गंगोत्री जो की 3415 मीटर (11204 फ़ीट ) की ऊंचाई पर स्थित है से चिरबासा तक का ट्रेक करते है जो की  समुद्रतल से ऊंचाई  3650 मीटर (11975 फ़ीट) की ऊंचाई पर स्थित है।

गंगोत्री से चिरबासा ट्रेक करते समय आपको थोड़ा अतिरिक्त सावधानी रखनी होगी क्योंकि की पुरे ट्रेक के दौरान आपके एक तरफ सीधी खाई बनी हुई है जो की इस ट्रेक को कठिन बना देती है।

पुरे रास्ते के दौरान आप जब भी इस हिस्से को पार करे तो एक टीम की तरह काम करते हुए ही ट्रेक के इस हिस्से को पार करें। चिरबासा पहुँचने के बाद आप यहाँ पर रात्रि विश्राम कर सकते है।

गौमुख तपोवन ट्रेक – तीसरा दिन – चिरबासा से भोजबासा (दुरी 05 किलोमीटर) – अवधि (3 घंटे) ट्रेक द्वारा

ट्रेक के तीसरे दिन आपको चिरबासा से भोजबासा तक का ट्रेक करना होता है। चिरबासा से भोजबासा की दुरी मात्र 05 किलोमीटर है जिसे पूरा करने में आपको 3-4 घंटे का समय लग सकता है। चिरबासा के बाद आप जैसे-जैसे भोजबासा की तरफ बढ़ते है  तो वैसे-वैसे पेड़ पौधे कम होते जाते है और रास्ता उजाड़ और बंजर होता जाता है।

भोजबासा की समुद्रतल से ऊंचाई 3800 मीटर (12467 फ़ीट ) है। इस पुरे ट्रेक के दौरान आपको भोजपत्र नाम का वृक्ष दिखाई दे सकता है जिसके लिए कहा जाता है की पौराणिक काल में इस वृक्ष की छाल पर ऋषि मुनि श्लोक लिखा करते थे। गौमुख तपोवन ट्रेक में भोजबासा ऐसी आखरी जगह है जहाँ पर आपको रात्रि विश्राम और खाने की सुविधा मिल सकती है।

अगर आप किसी ट्रैकिंग एजेंसी के साथ यह ट्रेक कर रहे है तो वो आपके रुकने खाने और रात्रि विश्राम के लिए भोजबासा में पहले से व्यवस्था करके रखते है। आज के दिन आप भोजबासा में स्थित मंदिर और आसपास स्थित हिमालय के विशाल पर्वतों का आनंद ले सकते है।

गौमुख तपोवन ट्रेक – चौथा दिन – भोजबासा से गौमुख (दुरी 04 किलोमीटर) / गौमुख से तपोवन (दुरी 05 किलोमीटर) – अवधि (7 घंटे) ट्रेक द्वारा

ट्रेक का चौथा दिन आपके लिए बहुत थकाने वाला होता है क्योंकि आज ही के दिन आपको गौमुख और तपोवन दोनों जगह आज ही के दिन पहुँचना होता है। यहाँ पर आपको ऑक्सीजन की कमी भी महसूस होने लगती है क्यों की आप जैसे-जैसे ऊंचाई पर जाते है वैसे-वैसे हवा पतली होनी शुरू हो जाती है।

आप एक ही दिन में 3800 मीटर की ऊंचाई से सीधा 4462 मीटर की ऊंचाई तक ट्रेक करते है जो की काफी थकाने वाला टास्क हो जाता है। गौमुख की समुद्रतल से ऊंचाई 4023 मीटर (13200 फ़ीट) है और तपोवन की समुद्रतल से ऊंचाई 4462 मीटर (14640 फ़ीट) है।

हालाँकि आपको चिरबासा से ही हिमालय के विशाल पर्वत दिखाई देने लगते है लेकिन आप जैसे ही गौमुख और तपोवन पहुँचते है तो वे सभी पहाड़ आपके एकदम नजदीक महसूस होते है। तपोवन वास्तव में एक अल्पाइन घास का मैदान है जो की हिमालय के माउंट शिवलिंग पर्वत की तलहटी में स्थित है।

गौमुख तपोवन ट्रेक – पाँचवा दिन – तपोवन – विश्राम दिवस

अगर आप अतिरिक्त समय लेकर आये है तो आप ट्रेक के पांचवें दिन को विश्राम दिवस के रूप में रख सकते है ताकि इस जगह के आसपास स्थित हिमालय के कई विशाल पर्वत जैसे माउंट शिवलिंग, भागीरथी सिस्टर्स, माउंट मेरु और माउंट सुमेरु जैसे पर्वतों का आराम से अवलोकन कर सके।

आप चाहे तो आज के दिन आप मेरु ग्लेशियर तक जाकर वापस तपोवन में अपनी कैंपसाइट पर लौट कभी आ सकते है। जो पर्वतारोही माउंट शिवलिंग और भागीरथी III के पर्वतारोहण के लिए आते है वो लोग इसी जगह से इन विशाल पर्वतों की चढ़ाई शुरू करते है।

आप ऐसा कह सकते है की तपोवन क्षेत्र माउंट शिवलिंग, भागीरथी शिखर जैसे कई पर्वतारोहण अभियानों का आधार शिविर भी माना जाता है।

गौमुख तपोवन ट्रेक – छठा दिन – तपोवन से भोजबासा (दुरी 07 किलोमीटर) – अवधि (6 घंटे) ट्रेक द्वारा

गौमुख तपोवन ट्रेक के छठे दिन आप वापस गंगोत्री के लिए यात्रा शुरू कर देते है। ट्रेक के छठे दिन आपको तपोवन से भोजबासा आना है। तपोवन से भोजबासा के लिए आपको इस बार कुल 07 किलोमीटर का ट्रेक करना होता है जिसे पूरा करने में आपको लगभग 5-6 घंटे लग सकते है।

गौमुख तपोवन ट्रेक – सातवां दिन – भोजबासा से गंगोत्री (दुरी 14 किलोमीटर) – अवधि (8 घंटे) ट्रेक द्वारा

ट्रेक के सातवें दिन आप सुबह जल्दी गंगोत्री के लिए ट्रेक शुरू कर देते है क्योंकि आज के दिन आपको इस पुरे ट्रेक के दौरान सबसे ज्यादा दुरी तय करनी होती है। हालाँकि इस बार आप निचे आ रहे होते है इसलिए आपको यह दुरी पूरा करने में किसी प्रकार की कोई कठिनाई नहीं होती है। गंगोत्री पहुँच कर आप रात्रि विश्राम कर सकते है।

गौमुख तपोवन ट्रेक – आठवाँ दिन – गंगोत्री से देहरादून (दुरी 242 किलोमीटर) – अवधि (9 घंटे) सड़क मार्ग द्वारा

गौमुख तपोवन ट्रेक के आखरी और आठवें दिन आप अपने ट्रैकिंग ग्रुप के साथ शेयर्ड कैब के द्वारा वापस देहरादून पहुंच है।

गौमुख तपोवन ट्रेक के लिए अनुमति – Permission for Gaumukh Tapovan Trek in Hindi

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उत्तराखंड और हिमाचल में जितने भी ट्रेक है उन सभी ट्रैक्स के लिये आपको संबंधित विभाग से अनुमति लेनी पड़ती है। वैसे अगर आप किसी ट्रैकिंग एजेंसी के साथ यह ट्रेक कर रहे है तो वो आपके लिये यह काम पहले से करके रखते है। वहीं जब आप किसी ट्रेक गाइड के साथ यह ट्रेक करते है तो फिर आपको खुद से ट्रेक के लिए संबंधित विभाग से अनुमति लेनी पड़ती है।

गौमुख तपोवन ट्रेक शुरू करने से पहले आपको जिला वन अधिकारी (D.F.O.), उत्तरकाशी से अनुमति लेनी पड़ती है इसके अलावा आप गंगोत्री में स्थित वन विभाग के ऑफिस से भी गौमुख तपोवन ट्रेक के लिये अनुमति ले सकते है। वन विभाग गौमुख तपोवन ट्रेक के लिये प्रतिदिन दिन सिर्फ 150 परमिट ही जारी करते है इसलिए आप यह ट्रेक शुरू करने से पहले परमिट के बारे में जानकारी ले लेवें। आप चाहे तो गौमुख तपोभूमि ट्रेक के लिए ऑनलाइन बुकिंग भी करवा सकते है।

( https://www.swstourismuki.com/ )

गौमुख तपोवन ट्रेक के लिये अनुमति शुल्क – Gaumukh Tapovan Trek Permit Cost in Hindi

गौमुख तपोवन ट्रेक के लिए भारतीय ट्रेकर्स से 150/- रुपये लिए जाते है। और विदेशी ट्रेकर्स से 600/- रुपये लिए जाते है। इसके अलावा गौमुख ट्रेक परमिट की अवधि सिर्फ 02 दिन की होती है। और अगर आप गौमुख से आगे तपोवन जा रहे है तो आप इस अवधि को बढ़ा भी सकते है।

गौमुख तपोवन ट्रेक के लिए सबसे अच्छा समय – Best Time for Gaumukh Tapovan Trek in Hindi

Best Time For Gaumukh Tapovan Trek | Ref img

गौमुख तपोवन उत्तराखंड के उन गिने चुने ट्रैक्स में से एक है जो कि पूरे साल में बहुत की कम समय के लिये खुले रहते है। इसकी सबसे बड़ी मुख्य वजह है यहाँ का अनिश्चित मौसम जो कि किसी भी समय बदल सकता है। गौमुख ट्रेक करने के लिये साल में सिर्फ 04 महीने ऐसे होते है जब आप यह ट्रेक सुरक्षित रूप से कर सकते है।

इसलिए जब हम गौमुख तपोवन ट्रेक करने का सबसे अच्छे समय की बात करत3 है तो सबसे पहले आप मध्य मई से लेकर जून महीने के अंतिम सप्ताह तक आप इस ट्रैक को कर सकते है। और इसके बाद सितंबर महीने के दूसरे सप्ताह से लेकर अक्टूबर महीने के अंतिम सप्ताह तक आप यह ट्रेक कर सकते है। कुल मिलाकर साल के यह चार महीने ऐसे है जिस समय आप यह ट्रेक सुरक्षित और अच्छे तरह से कर सकते है।

अत्यधिक ऊंचाई पर स्थित होने के वजह से गौमुख तपोवन ट्रेक में पूरे साल में कभी भी बर्फ़बारी हो सकती है। और अक्टूबर महीना खत्म होते-होते यहां पर बहुत ज्यादा बर्फबारी होनी शुरू हो जाती है इस वजह से साल के इस समय यह ट्रेक करना किसी भी तरह से सुरक्षित नहीं माना जाता है।

इसके अलावा मॉनसून के मौसम में यहाँ पर भूस्खलन की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है इस वजह से साल के इस समय भी यह ट्रेक करना सुरक्षित नहीं माना जाता है।

नोट :- गौमुख तपोवन के ट्रेक के समय आपको इस बात का ध्यान रखना है कि पूरे ट्रेक के दौरान किसी भी समय इस जगह मौसम में बदलाव आ सकता है। गर्मियों में जहां दिन का औसत तापमान 15° से लेकर 20° सेल्शियस तक रहता है वहीं रात का तापमान तक गिर जाता है। इसके अलावा यहाँ पर किसी भी समय बर्फबारी हो सकती है।

गौमुख तपोवन ट्रेक का तापमान – Temperature of Gaumukh Tapovan in Hindi

01 गर्मियों में गौमुख तपोवन का तापमान – Gaumukh Tapovan Temperature in Summer in Hindi

मई से जून महीने तक – अधिकतम: लगभग 15℃ / न्यूनतम: लगभग 0℃

02 शरद ऋतू में गौमुख तपोवन का तापमान – Gaumukh Tapovan temperature in Autumn in Hindi

सितंबर से अक्टूबर महीने तक – अधिकतम: लगभग 10℃ / न्यूनतम: लगभग -5 ℃

गौमुख तपोवन ट्रेक कॉस्ट – Gaumukh Tapovan Trek Cost in Hindi

Gaumukh Tapovan Trek Cost | Ref img

आप गौमुख तपोवन ट्रेक दो तरीके से कर सकते है।  पहला तरीका  तो यह है की आप यह ट्रेक किसी अनुभवी ट्रेक गाइड के साथ कर सकते है या फिर आप यह ट्रेक किसी अच्छी ट्रैकिंग एजेंसी के साथ कर सकते है। मेरे हिसाब से आपको यह ट्रेक किसी अच्छी ट्रैकिंग एजेंसी के साथ ही करना चाहिए ताकि पुरे ट्रेक के दौरान आप सिर्फ ट्रेक का आनंद ले सके।

और इसके अलावा एक अच्छी ट्रैकिंग एजेंसी के साथ ट्रेक करना हमेशा सुरक्षित होता है। अगर आप किसी ट्रैकिंग एजेंसी के साथ यह ट्रेक कर रहे है तो आपको अपने साथ आपकी जरुरत का सामान ही रखना होता है।  बाकी ट्रेक के दौरान सारी सुविधाएँ जैसे नाईट स्टे, खाना, मेडिकल और ट्रेक गाइड आदि  ट्रैकिंग एजेंसी के द्वारा उपलब्ध करवाई जाती है।

वहीँ जब आप यह ट्रेक किसी ट्रेक गाइड के साथ करते है तो फिर पुरे ट्रेक के दौरान आपका लगेज बढ़ जाता है और पुरे ट्रेक से सम्बंधित सभी तरह का सामान आपको अपने साथ लेकर चलना होता है। अब जब हम गौमुख तपोवन ट्रेक कॉस्ट की बात करते है तो सभी ट्रैकिंग एजेंसी इस ट्रेक के लिए लगभग 15000/- रुपए से लेकर 20000/- रुपये तक चार्ज करती है।

अब यह पूरी तरह से आप पर निर्भर है की आप गौमुख तपोवन ट्रेक के लिए कितने रूपये खर्च करना चाहते है। जितनी भी ट्रेकिंग एजेंसी गौमुख तपोवन ट्रेक करवाती है उन सब के पास अनुभवी ट्रेक गाइड होते है बस आपको ट्रेक के दौरान मिलने वाली सुविधाओं में थोड़ा बहुत फर्क होता है इसलिए सभी ट्रैकिंग एजेंसी गौमुख तपोवन ट्रेक के लिए अलग-अलग ट्रेक कॉस्ट लेती है।

गौमुख तपोवन ट्रेक शुल्क में शामिल सुविधाएँ – Facilities included in Gaumukh Tapovan Trek Cost in Hindi

01 ट्रेक के पहले दिन से लेकर आखरी दिन तक रुकने की व्यस्था।

02 ट्रेक के पहले दिन से लेकर आखरी दिन तक खाने की व्यवस्था। (अधिकांश ट्रेकिंग एजेंसी सिर्फ शाखाहारी भोजन ही प्रदान करती है )

03 कैंपिंग शुल्क – सभी तरह के ट्रैकिंग परमिट और फारेस्ट कैंपिंग शुल्क ट्रेक पैकेज में सम्मिलित होते है।

04 ट्रैकिंग उपकरण – ट्रेक के दौरान आप लोगों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले कैंपिंग टेंट और स्लीपिंग बैग ट्रैकिंग एजेंसी के द्वारा दिए जाते है। इसके अलावा जरुरत पड़ने पर आपको रस्सी, बर्फ की कुल्हाड़ी, गैटर और सूक्ष्म स्पाइक्स भी दिए जाते है।

05 सुरक्षा उपकरण – ट्रेक के दौरान किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिए ट्रैकिंग एजेंसी सभी शिविरों में चिकित्सा किट, स्ट्रेचर, प्राथमिक चिकित्सा और ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था पहले से करके रखती है।

सुविधाएँ गौमुख तपोवन ट्रेक शुल्क में शामिल नहीं – Facilities not included in Gaumukh Tapovan Trek Cost in Hindi

01 बेस कैंप से आने जाने के लिए परिवहन – हम यह मान कर चलते है की ट्रेकिंग एजेंसी आपको देहरादून से लेकर गंगोत्री  लेकर जाने की व्यवस्था साझा टैक्सी के द्वारा करती है। अब देहरादून से गंगोत्री जाने के लिए टैक्सी का जितना भी खर्चा होता है वो सभी ट्रेकर्स को बराबर-बराबर भुगतना करना होता है।

02  ट्रैकिंग एजेंसी ट्रेक के दौरान  ख़रीदे गए भोजन का शुल्क ट्रेक कॉस्ट में सम्मिलित नहीं करती है।

03 अगर आपके पास बैकपैक है तो आपको उसके लिए अतिरिक्त शुल्क देना होगा।

नोट :- 01 किसी भी तरह की ट्रैकिंग एजेंसी के साथ गौमुख तपोवन ट्रेक करने से पहले सभी तरह की शर्तों के बारे में जान लें। 

02 गौमुख तपोवन ट्रेक के दौरान मिलने वाली सभी तरह की सुविधाओं के बारे में ट्रेक शुरू होने से पहले अच्छी तरह से जानकारी करलें। 

03 गौमुख तपोवन  ट्रेक की लागत लगभग सभी ट्रैकिंग एजेंसीज की अलग होती है। 

04 ऊपर बताई गई सभी तरह की लागत अनुमानित है इस पर हमारी की किसी भी प्रकार की जवाबदेही नहीं है।

05 सभी ट्रैकिंग एजेंसीज के नियम और शर्तें और ट्रेक के दौरान दी जाने वाली सुविधाएँ अलग-अलग हो सकती है। 

गौमुख तपोवन ट्रेक के लिए टिप्स – Tips For Gaumukh Tapovan Trek in Hindi

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01 पहचान पत्र

02 मफलर

03 पानी की बोतल ( 3-5 से लीटर )

04 ड्राई फ्रूट्स और पैकेट फ़ूड

05 गरम कपड़े ( स्वेटर / जैकेट / पुल ओवर )

06 पोंचो / रेन कोट ( बारिश के मौसम के लिए )

07 धुप का चश्मा

08 टोर्च / पॉवर बैंक / कैमरा के लिए एक्स्ट्रा बैटरी

09 कैंपिंग का सामान अगर संभव हो। ( चटाई / स्लीपिंग बैग )

10 इलेक्ट्रॉनिक सामान को बारिश से बचाने के वाटरप्रूफ बैग।

11 नींबू और नमक या इलेक्ट्रोलाइट पाउडर/पेय (इलेक्ट्रल/गेटोरेड/ग्लूकॉन डी)

12 ट्रैकिंग शूज / ट्रैकिंग पेंट / क्विक ड्राई टीशर्ट /केप

13 सीटी (आपात स्थित के लिए )

14 प्राथमिक चिकित्सा किट :-  कैंची, सनस्क्रीन (एसपीएफ़ 50+), बैंड एड्स (वाटर प्रूफ), एनाल्जेसिक स्प्रे (रिलीस्प्रे, वोलिनी), एंटीसेप्टिक लिक्विड (सेवलॉन, डेटॉल), एंटीसेप्टिक पाउडर (पोविडोन-आयोडीन आधारित पाउडर जैसे सिप्लाडाइन, सेवलॉन), पट्टी, रुई, क्रेप पट्टी आदि।

15 दवाइयां :- बुखार, सिरदर्द, मोशन सिकनेस, लूज़ मोशन, उल्टी और एसिडिटी आदि ।

16 गौमुख तपोवन ट्रेक शुरू करने से पहले मौसम के बारे में जरूर पता करें।

17 अगर आप को पहाड़ों में ट्रैकिंग का अनुभव नहीं है तो अपने साथ स्थानीय गाइड कर सकते है।

18 ट्रेक शुरू करने से पहले आप जिस ट्रैकिंग एजेंसी के साथ यह ट्रेक कर रहे है तो आप सबसे पहले यात्रा कार्यक्रम की जानकारी जरूर लेना ना भूले

19 ट्रेक शुरू करने से पहले गौमुख तपोवन ट्रेक से जुड़े हुए नियमों के बारे में जानकारी जरूर ले लेवें।

20 अगर आप किसी ट्रैकिंग एजेंसी के साथ यह ट्रेक नहीं कर रहे है तो आप अपने साथ स्थानीय ट्रेक गाइड जरूर कर लेवें। (जहाँ तक हो सके किसी अच्छी ट्रैकिंग एजेंसी के साथ ही यह ट्रेक करें )

21 गौमुख तपोवन ट्रेक के दौरान आपको ट्रेक के दौरान आपको अपने साथ क्या-क्या सामान साथ में रखना है इसके बारे में आप ट्रैकिंग एजेंसी वालों से भी पूछ ले तो ज्यादा अच्छा रहेगा।

22 अगर आप एक अनुभवी ट्रेकर नहीं है तो भूल कर भी यह ट्रेक अकेले  ना करें।

23 ट्रेक के दौरान आपको किसी भी तरह के मोबाइल नेटवर्क नहीं मिलते है।  साथ में ही आपको आपके इलेक्ट्रॉनिक उपकरण चार्ज करने की सुविधा भी उपलब्ध नहीं होगी इसलिए आप ट्रेक के दौरान अतिरिक्त बैटरी और पॉवरबैंक जरूर साथ रखें।

24  मानसून के मौसम में ट्रेक फिसलन भरा हो जाता है इसलिए इस समय थोड़ी अतिरिक्त सावधानी रखें।

25 ट्रेक पर जाने से पहले एक बार मौसम जरूर चेक कर ले और उसी के अनुरूप भी कपडे और सामान साथ में रखें।

( नोट :- किसी भी तरह के दवाई लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लेवें। )

गौमुख तपोवन में कहाँ रुके – Hotels in Gaumukh Tapovan in Hindi

Hotels in Gaumukh Tapovan Trek | Reg img

गौमुख तपोवन ट्रेक का बेस कैंप गंगोत्री को माना जाता है। और गंगोत्री उत्तराखंड की चारधाम यात्रा का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है इसी वजह से आप जब भी गौमुख तपोवन ट्रेक करने के लिए जाते है तो गंगोत्री में अपने लिए होटल और धर्मशाला में रूम बुक करवा सकते है। वैसे अगर आप किसी ट्रैकिंग एजेंसी के साथ यह ट्रेक कर रहे है तो वो लोग आपके लिए पहले से ही किसी होटल में रूम बुक करके रखते है।

गौमुख तपोवन ट्रेक के दौरान भोजबासा ऐसी अंतिम जगह है जहाँ पर आपको रात को ठहरने और खाने की सुविधा मिल सकती है। इसके अलावा पुरे ट्रेक के दौरान कहीं पर भी रुकने और खाने की जगह नहीं बनी हुई है।

गौमुख तपोवन कैसे पहुँचे – How to Reach Gaumukh Tapovan in Hindi

How to reach Gaumukh Tapovan Trek | Ref img

हवाई मार्ग से गौमुख तपोवन कैसे पहुँचे – How to Reach Gaumukh Tapovan By Air in Hindi

गौमुख तपोवन सीधी तरह से हवाई मार्ग से नहीं जुड़ा हुआ है। गौमुख तपोवन के सबसे नजदीक हवाई अड्डा देहरादून का जॉली ग्रांट हवाई अड्डा है। देहरादून से आपको सड़क मार्ग के द्वारा सबसे पहले गंगोत्री आना होगा। और गंगोत्री से से आप ट्रेक करके गौमुख तपोवन पहुँच सकते है। देहरादून के जॉली ग्रांट एयरपोर्ट से गंगोत्री की दूरी मात्र 265 किलोमीटर है।

यह एयरपोर्ट देश के प्रमुख हवाई अड्डों से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। देहरादून से आप टैक्सी और कैब सर्विस के द्वारा बड़ी आसानी गंगोत्री पहुँच सकते है। इसके अलावा देहरादून से गंगोत्री के लिए हेलीकॉप्टर सेवा भी उपलब्ध है।

रैल मार्ग से गौमुख तपोवन कैसे पहुँचे – How to Reach Gaumukh Tapovan By Train in Hindi

हरिद्वार और ऋषिकेश रेलवे स्टेशन गौमुख तपोवन के सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है। हरिद्वार और ऋषिकेश से आप बड़ी आसानी से गंगोत्री पहुँच सकते है और उसके बाद आप यहाँ से गौमुख तपोवन ट्रेक शुरू कर सकते है।

ऋषिकेश से गंगोत्री की दूरी मात्र 267 किलोमीटर है। हरिद्वार रेलवे स्टेशन भारत के प्रमुख शहरों से रेल मार्ग द्वारा बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। ऋषिकेश और हरिद्वार इन दोनों शहरों से आपको गंगोत्री के लिए नियमित रूप बस, टैक्सी और कैब सेवा उपलब्ध मिल जाएगी।

सड़क मार्ग से गौमुख तपोवन कैसे पहुँचे – How to Reach Gaumukh Tapovan By Road in Hindi

गौमुख तपोवन के सबसे नजदीकी शहर गंगोत्री सड़क मार्ग द्वारा उत्तराखंड के प्रमुख शहरों से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। हरिद्वार, ऋषिकेश, देहरादून टिहरी गढ़वाल और उत्तरकाशी से आप बस, टैक्सी और कैब सेवा के द्वारा गंगोत्री बड़ी आसानी से पहुंच सकते है।

आप चाहे तो अपने निजी वाहन की सहायता से भी गंगोत्री सड़क मार्ग द्वारा बहुत आसानी से पहुचं सकते है। सड़क मार्ग द्वारा गंगोत्री पहुँचने के बाद आप गौमुख तपोवन के लिए ट्रेक शुरू कर सकते है।

(अगर आप मेरे इस आर्टिकल में यहाँ तक पहुंच गए है तो आप से एक छोटा से निवदेन है की नीचे कमेंट बॉक्स में इस लेख से संबंधित आपके सुझाव जरूर साझा करें, और अगर आप को कोई कमी दिखे या कोई गलत जानकारी लगे तो भी जरूर बताए।  में यात्रा से संबंधित जानकारी मेरी इस वेबसाइट पर पोस्ट करता रहता हूँ, अगर मेरे द्वारा दी गई जानकारी आप को पसंद आ रही है तो आप अपने ईमेल से मेरी वेबसाइट को सब्सक्राइब जरूर करे, धन्यवाद )

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