डलहौज़ी के 20 प्रमुख पर्यटक स्थल 2024 | 20 Best Places To Visit in Dalhousie in Hindi 2024 | Best Time To Visit Dalhousie In Hindi | Dalhousie Tourism 2024 | Things to do in Dalhousie in Hindi | Himachal Tourism | Part-02

डलहौज़ी – Dalhousie in Hindi

हिमाचल के चंबा जिले में स्थित डलहौजी भारत के सबसे प्रसिद्ध पर्वतीय पर्यटक स्थलों में एक माना जाता है। वर्तमान डलहौजी शहर का निर्माण औपनिवेशिक काल में करवाया गया था। हिमालय के पहाड़ो में स्थित यह छोटासा शहर अंग्रेज अधिकारियों के मनोरंजन और छुट्टियों के लिए विकसित किया गया था। इसी वजह से आज भी इस शहर में बनी हुई पुरानी इमारतें ब्रिटिश वास्तुकला का बहुत ही सुंदर उदाहरण प्रस्तुत करती है।

डलहौजी ऐसे पर्यटक स्थलों की श्रेणी में आता है जहाँ पर पर्यटक पूरे साल में किसी भी समय घूमने जा सकता है। समुद्रतल से 1970 मीटर (6400 फ़ीट) की ऊंचाई पर स्थित डलहौजी का गर्मियों के मौसम में अधिकतम तापमान सिर्फ 35° डिग्री तक ही जाता है जो की भारत के निचले स्थानों वाले गाँव और शहरों से बहुत कम है। राजस्थान और भारत के कई अन्य राज्यों में गर्मियों के मौसम में अधिकतम तापमान 50° डिग्री तक चला जाता है।

इस वजह से भारत में निचले स्थानों में रहने वाले लोग गर्मियों के मौसम में पहाड़ों में घूमना बहुत ज्यादा पसंद करते है। और गर्मियों के मौसम में भी डलहौजी का तापमान बहुत ज्यादा गर्म नहीं होता इसलिए भारत के निचले इलाकों वाले पर्यटक डलहौजी में आना पसंद करते है। डलहौजी अनेक प्रकार की प्राकृतिक विवधताओं वाला पर्यटक स्थल भी है। इस जगह के पर आप वर्ष के किसी भी समय घूमने आये इस जगह की प्राकृतिक खूबसूरती आप को अलग ही मिलेगी।

बारिश के मौसम में डलहौजी की आसपास बहुत सारे झरने देखने को मिलते है तो सर्दियों के मौसम में आप यहाँ पर भारी बर्फबारी का आनंद ले सकते है। वहीं गर्मियों के मौसम में आप को बहुत खूबसूरत सूर्योदय और सुर्यास्त दिखाई दे सकते है। डलहौजी से हिमालय पर्वतमाला की बर्फ से ढकी हुई प्रमुख पर्वतश्रृंखलाएं जैसे धौलाधार और पीर पंजाल बहुत ही आसानी दिखाई देती है।

चमेरा झील डलहौजी – Chamera Lake Places to visit in Dalhousie in Hindi


Chamera Lake Dalhousie | Click on Image For Credits

डलहौजी से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चमेरा झील रावी नदी पर बने हुए चमेरा बांध के पास बनी हुई एक कृत्रिम झील है। रावी नदी पर बने हुये चमेरा बांध का निर्माण जलविद्युत योजना के तहत किया गया था और इसी वजह से चमेरा झील का निर्माण भी हुआ। चमेरा झील की समुद्रतल से ऊंचाई मात्र 226 मीटर है (741 फ़ीट)।

डलहौजी के पास में स्थित चमेरा झील हिमालय की तलहटी में बनी हुई है। घाटी में स्थित होने की वजह से चमेरा झील के आसपास के प्राकृतिक दृश्य भी बहुत सुंदर है। झील और बांध के पास में स्थित भांडाल घाटी के घने जंगल भी है, भांडाल घाटी के इन घने जंगलों में विशाल देवदार के पेड़ भी लगे हुए है। चमेरा झील घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए यहाँ पर अनेक प्रकार के वॉटर स्पोर्ट्स की सुविधा उपलब्ध है।

कैनोइंग, रिवर राफ्टिंग, मोटर बोटिंग और कयाकिंग जैसे वॉटर स्पोर्ट्स पर्यटकों द्वारा बहुत पसंद किये जाते है। वॉटर स्पोर्ट्स के अलावा आप यहाँ पर जंगल में ट्रेकिंग और पिकनिक का भी आनंद ले सकते है। चमेरा झील के पास में स्थित प्राचीन भेली मंदिर भी पर्यटकों में आस्था का बड़ा केंद्र माना जाता है।

चमेरा झील डलहौजी देखने का समय – Chamera Lake Dalhousie Timings in Hindi

दिन के किसी भी समय।

चमेरा झील डलहौजी में प्रवेश शुल्क – Chamera Lake Dalhousie Entry Fee in Hindi

प्रवेश निःशुल्क।

मॉल रोड डलहौजी – Mall Raod Dalhousie Tourist Places in Hindi

Mall Road Gandhi Chowk Dalhousie | Ref Img

हिमाचल प्रदेश के हस्तनिर्मित उत्पादों को खरीदने के लिए सबसे उपयुक्त स्थानों में से एक है। मॉल रोड में मिलने वाले हस्तनिर्मित गरम कपड़े और खादी के वस्र पर्यटकों द्वारा बहुत पसंद किये जाते है। डलहौजी के मॉल रोड मार्केट का पूरा नाम मॉल रोड गाँधीचौक है। वास्तव में डलहौजी में मनाली और शिमला की तरह को मॉल रोड नहीं बना हुआ है।

यहाँ के गाँधीचौक मार्केट को ही मॉल रोड के नाम से जाना जाता है। शाम के समय इस बाजार की रौनक देखने लायक होती है। अगर आप अपने परिवार या दोस्तों के साथ डलहौजी घूमने आये है तो शाम के वक़्त आप डलहौजी के मॉल रोड मार्केट में स्ट्रीट फ़ूड खाने का भरपूर आनंद ले सकते है।

आप यहाँ डलहौजी में ही बनने वाली गुड़ियों को भी इस बाजार से बड़े आराम से खरीद सकते है। इस बाजार से आप को पीर पंजाल की पर्वत श्रेणी के बहुत ही सुंदर दृश्य दिखाई देते है। डलहौजी में स्थित मॉल रोड शॉपिंग, स्ट्रीट फ़ूड, फोटोग्राफी और अपने प्रियजनों के साथ आराम करने के लिए सबसे उपयुक्त जगहों में से एक है।

सच पास डलहौजी – Sach Pass Dalhousie Tourism in Hindi

Sach Pass Dalhousie, Himachal Pradesh | Ref Img

अगर आप को रोमांच पसंद है तो डलहौजी के पास स्थित सच पास आप के लिए सबसे सही जगह है। डलहौजी से सच पास की  150 किलोमीटर की यात्रा आप को रोमांच से भर देगी। 4500 मीटर (14500 फ़ीट) की ऊंचाई पर स्थित सच पास दुनिया की सबसे दुर्गम, खतरनाक इलाकों में आता है।

सच पास जाने वाली सड़क भी दुनिया की सबसे खतरनाक सड़कों में से एक है इसलिये कमजोर दिल वाले और हाई एल्टीट्यूड सिकनेस वाले लोगों को इसी जगह की यात्रा नहीं करनी चाहिये। एक खतरनाक दर्रा होने के बावजूद दुनिया भर के बाइक राइडर्स और एडवेंचर टूरिस्ट सच पास की यात्रा और ट्रेकिंग करना बहुत ज्यादा पसंद करते है।

सच दर्रा हिमालय के सबसे बीहड़ और दुर्गम इलाकों में से एक माना जाता है, इस दर्रे से हिमालय के बर्फ से ढके पहाड़ो के कुछ ऐसे दृश्य दिखाई देते है जिनकी कल्पना करना भी मुश्किल है। हिमाचल के चंबा जिले में स्थित पांगी वैली जाने वाले अधिकांश यात्री सच पास वाले रास्ते से ही पांगी वैली जाना पसंद करते है।

तिब्बती बाजार डलहौज़ी – Tibati Market Dalhousie in Hindi

Tibat Market Dalhousie | Ref Img

डलहौज़ी के स्थानीय बाजारों में मॉल रोड गाँधीचौक बहुत प्रसिद्ध है।  डलहौज़ी के सबसे प्रमुख बाजार मॉल रोड गाँधीचौक  के  पास में स्थित तिब्बती बाजार  हिमाचल के प्रसिद्ध हस्तशिल्प निर्मित उत्पाद और पारम्परिक वस्त्र खरीदने के लिए सबसे उपयुक्त बाजार है।

इस बाजार में आप को हिमाचल की संस्कृति से जुड़े हुए सामान के अल्वा तिब्बती संस्कृति और हस्तशिल्प से जुड़े हुए अनेक उत्पाद मिलेंगे। आप गाँधीचौक में स्थित तिब्बती बाजार में घर की सजावट के लिए भी बहुत सारे सामान की खरीदारी कर सकते है।

हाथ से बना हुआ कालीन,  गरम कपड़े, चम्बा की प्रसिद्ध चप्पल, शॉल, स्थानीय खिलोने और पारम्परिक तरीके से बने हुए गहने आप यहाँ पर उचित कीमत पर खरीद सकते है ।  हिमाचल प्रदेश और डलहौज़ी की पारम्परिक वस्तुओ को खरीदने के लिए तिब्बती बाजार सबसे उचित जगहों में से एक है ।

सेंट जॉन चर्च डलहौजी – St. John’s Church Places to visit in Dalhousie Hindi


St. John’s Church Dalhousie | Click On Image For Credits

सेंट जॉन चर्च औपनिवेशिक समय में बना हुआ डलहौजी के सबसे पुराने चर्च में से एक है। डलहौजी शहर में बना हुआ यह चर्च यहाँ रहने वाले ईसाई समुदाय के लिए धार्मिक आस्था का केन्द्र माना जाता है। इसके अलावा यह चर्च डलहौजी में ऐतिहासिक महत्व भी रखता है।

चर्च में लगे हुए कांच  पर बहुत सुंदर चित्रकारी की गई है। रंगीन चित्रकारी किये हुए कांच  चर्च के निर्माण के समय लेडी एल्गिन ने दान किये थे। सेंट जॉन चर्च में एक पुस्तकालय भी बना हुआ है, इस पुस्तकालय में पुस्तकों का बहुत बड़ा संग्रह किया गया है।

साथ में आप इस चर्च में बहुत पुरानी फ़ोटोग्राफ का संग्रह भी देख सकते है।

सेंट जॉन चर्च डलहौजी देखने का समय – St. John’s Church Dalhousie Timings in Hindi

पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिये यह चर्च सुबह 07:00 बजे से लेकर शाम 07:00 बजे तक खुला रहता है।

सेंट जॉन चर्च डलहौजी में प्रवेश शुल्क – St. John’s Church Dalhousie Entry Fee in Hindi

प्रवेश निःशुल्क।

चामुंडा देवी मंदिर डलहौजी – Chamunda Devi Mandir Dalhousie Tourist Places in Hindi


Chamunda Devi Temple Dalhousie | Click On Image for Credits

अगर आप डलहौजी घूमने आये है तो आप को समय निकाल कर डलहौजी से 130 किलोमीटर की दूरी पर स्थित प्राचीन चामुंडा देवी जरूर जाना चाहिए। बानेर नदी के समीप स्थित यह प्राचीन मंदिर लगभग 700 साल से भी ज्यादा पुराना माना जाता है। पूरी तरह लकड़ी से निर्मित यह मंदिर पाटीदार और लाहला के घने जंगलों में स्थित है, इस मंदिर का निर्माण 1762 में तत्कालीन शासक उम्मेद सिंह ने करवाया था।

चामुंडा देवी मंदिर हिमाचल में हिन्दू आस्था का बहुत बड़ा केंद्र माना जाता है। प्रति वर्ष हजारों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर में स्थापित देवी काली के दर्शन करने के लिए आते है। मंदिर में स्थापित देवी काली के विग्रह को छूना पूरी तरह से निषेध है। इसी वजह से देवी काली के विग्रह को लाल वस्त्र पहनाए जाते है ताकि कोई भी व्यक्ति मंदिर मे देवी काली की मूर्ति का हाथ नहीं लगा सके।

देवी काली के विग्रह के अलावा मंदिर के अंदर भगवान शिव के शिवलिंग को भी स्थापित किया गया है। इसी वजह से इस मंदिर को चामुंडा नंदिकेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर की रक्षा के लिए मंदिर के मुख्य द्वार पर हनुमानजी और भैरवनाथ की मूर्तियाँ स्थापित की गई है। हनुमानजी और भैरवनाथ को देवी काली का रक्षक माना जाता है। यह मंदिर देवी दुर्गा के उग्र अवतार देवी काली को समर्पित है।

पौराणिक कथा के अनुसार देवी दुर्गा ने  काली माता का अवतार लेकर चण्ड और मुंड नाम के दो राक्षसों का संहार किया था इसी वजह से देवी काली को चामुंडा नाम से भी जाना जाता है। अपने इतिहास और पौराणिक महत्व के अलावा इस मंदिर के आसपास का क्षेत्र प्राकृतिक रूप से भी बेहद समृद्ध है। अपने परिवार और मित्रों के साथ चामुंडा देवी मंदिर की यात्रा आप को सुखद अनुभव प्रदान करेगी।

चामुंडा देवी मंदिर डलहौजी में दर्शन का समय- Chamunda Devi Mandir Dalhousie Timings in Hindi

गर्मियों में :- सुबह 05:00 से 12:00 बजे  तक और दोपहर 01:00 बजे  से रात 10:00  बजे तक ।

सर्दियों में :- सुबह 06:00 से 12:00 बजे तक और दोपहर 01:00 बजे से रात 09:00 बजे तक ।

चामुंडा देवी मंदिर डलहौजी में प्रवेश शुल्क – Chamunda Devi Mandir Dalhousie Entry Fee in Hindi

प्रवेश निःशुल्क।

रॉक गार्डन डलहौजी – Rock Garden Dalhousie Tourism in Hindi

Rock Garden Dalhousie | Ref Img

डलहौजी से चमेरा झील जाते वक़्त रास्ते में आने वाला रॉक गार्डन अपने परिवार और दोस्तों के साथ कुछ समय आराम करने और पिकनिक मनाने के लिए एक अच्छी जगह है। डलहौजी से रॉक गार्डन की दूरी मात्र 18 किलोमीटर है। यहाँ पर प्राकृतिक रूप से स्थित चट्टानों की वजह से इस जगह को एक उद्यान के रूप में विकसित किया गया है।

रॉक गार्डन की चट्टानों पर बैठ कर आप फोटोग्राफी का आनंद भी ले सकते है। रॉक गार्डन के आसपास खाने-पीने के लिए छोटे-बड़े रेस्टॉरेंट भी बने हुए है।

रॉक गार्डन डलहौजी देखने का समय – Rock Garden Dalhousie Timings in Hindi

रॉक गार्डन पर्यटकों के लिए सुबह 07:00 बजे से लेकर रात को 08:00 बजे तक खुला रहता है।

रॉक गार्डन डलहौजी में प्रवेश शुल्क – Rock Garden Dalhousie Entry Fee in Hindi

प्रवेश निःशुल्क।

गरम सड़क डलहौजी – Garam Sadak Dalhousie in Hindi

Garam Sadak Dalhousie | Ref Img

डलहौजी के दो  मुख्य बाजार गाँधीचौक और सुभाष चौक को जोड़ने वाली गरम सड़क स्थानीय निवासियों और पर्यटकों के टहलने के लिए बहुत पसंद की जाती है। इस सड़क को गरम सड़क इसलिए कहा जाता है क्योंकि की यह डलहौजी में स्थित एकमात्र ऐसी जगह है जहाँ पर सूर्य की रोशनी सीधे पड़ती है।

सूर्य की रोशनी सीधे इस सड़क पर पड़ने की वजह से सर्दियों में भी इस जगह का तापमान डलहौजी के अन्य इलाकों की अपेक्षा थोड़ा गर्म रहता है। सड़क के आसपास लगे हुए पेड़ भी इस जगह को एक प्राकृतिक और खूबसूरत वातावरण  प्रदान करते है।

इसके अलावा इस सड़क के पास स्थित चट्टानों पर स्थानीय निवासियों द्वारा बहुत बहुत सुंदर पेंटिंग्स भी बनाई गई है। यहाँ का प्राकृतिक वातावरण और चट्टानों पर बनी हुई पेंटिंग्स गरम सड़क पर आप के टहलने के मज़े को दुगुना कर देती है। आप जब भी डलहौजी की यात्रा करें तो आप सुबह जल्दी या फिर शाम के समय इस सड़क पर टहलने के लिए जा सकते है।

डलहौज़ी सामुदायिक उद्यान डलहौजी – Community Park Places to visit in Dalhousie in Hindi

Community Park Dalhousie | Ref Img

अगर आप दिसंबर के महीने में डलहौजी घुमने आ रहे है, तो डलहौजी में बना हुआ सामुदायिक उद्यान प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्राफी पसंद करने वालों के लिए यह छोटा सा उद्यान अच्छी जगहों में से एक हो सकता है। यहाँ का शान्त वातावरण और बर्फ से ढके हुये पहाड़ो के दृश्य बहुत ही सुंदर है।

इस सामुदायिक उद्यान को आप अपनी डलहौजी यात्रा की बकेट लिस्ट में शामिल कर सकते है।

डलहौज़ी सामुदायिक उद्यान डलहौजी देखने का समय – Community Park Dalhousie Timings in Hindi

यह उद्यान पर्यटकों के लिए सुबह 09:00 बजे से लेकर शाम को 07:00 बजे तक खुला रहता है।

डलहौज़ी सामुदायिक उद्यान डलहौजी में प्रवेश शुल्क – Community Park Dalhousie Entry Fee in Hindi

प्रवेश निःशुल्क।

नोरवुड परमधाम डलहौजी – Norwood Paramdham Dalhousie Tourism in Hindi

Norwood Paramdham Dalhousie | Ref Img

डलहौजी के बकरोटा हिल के पास स्थित नोरवुड परमधाम को स्थानीय निवासी राम आश्रम, परमधाम और तपोभूमि के नामनसे भी पुकारते है। 1925 में स्वामी सत्यानंद ने अपनी डलहौजी की यात्रा के समय इस स्थान पर आये थे। इस स्थान पर आने के बाद उन्होंने एक लंबे समय तक डलहौजी में प्रवास किया था।

अपने प्रवास काल के दौरान स्वामी सत्यानंद ने कई धार्मिक पुस्तकें भी लिखी थी। 1960 में स्वामी सत्यानंद की मृत्यु के पश्चात डलहौजी में इस स्थान को परमधाम के नाम से जाना जाने लगा। वर्तमान में स्वामी सत्यानंद के अनुयायी हंसराज जी पर परमधाम की व्यवस्था और देखभाल की जिम्मेदारी है।

आज भी नोरवुड परमधाम में नियमित रूप से सत्संग और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन समय-समय पर होता रहता है। परमधाम में धार्मिक कार्यक्रम के समय लगभग 250 लोगों एकसाथ बैठने की क्षमता है। डलहौजी के गाँधीचौक बाजार से नोरवुड परमधाम की दूरी मात्र 5 किलोमीटर है।

नोरवुड परमधाम डलहौजी देखने का समय – Norwood Paramdham Dalhousie Timings in Hindi

दिन के किसी भी समय।

नोरवुड परमधाम डलहौजी में प्रवेश शुल्क – Norwood Paramdham Dalhousie Entry Fee in Hindi

प्रवेश निःशुल्क।

Beeji’s Park डलहौजी – Beeji’s Park Dalhousie in Hindi

Beeji’s Park Dalhousie | Ref Img

डलहौजी में अभी कुछ ही समय पहले निर्मित Beeji’s Park का भारतीय सेना के द्वारा करवाया है। यह उद्यान डलहौजी से खजियार जाने वाली सड़क पर बना हुआ है। Beeji’s Park पूरी तरह से भारतीय सेना का समर्पित एक उद्यान है, इस उद्यान में आप युद्ध के समय वीरगति को प्राप्त हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई है।

इसके अलावा इस उद्यान में भारतीय सेना द्वारा उपयोग में लाये जाने वाले युद्धपोत, जहाज और सैनिक वाहनों के मॉडलों को प्रदर्शित किया गया। डलहौजी में भारतीय सेना को नजदीक से समझने के लिये Beeji’s Park एक बहुत अच्छी जगह है।

Beeji’s Park डलहौजी देखने का समय – Beeji’s Park Dalhousie Timings in Hindi

पर्यटक दिन के किसी भी समय इस उद्यान को देखने के लिए जा सकते है।

Beeji’s Park डलहौजी में प्रवेश शुल्क – Beeji’s Park Dalhousie Entry Fee in Hindi

Beeji’s Park में किसी प्रवेश बिल्कुल निःशुल्क है।

लक्ष्मी नारायण मंदिर डलहौजी – Laxmi Narayan Mandir Places to visit in Dalousie in Hindi


Lakshmi Narayan Temple Dalhoushie | Click on Image For credits

डलहौजी से लगभग 52 किलोमीटर की दूरी पर स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित डलहौजी के पास स्थित सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है। इस प्राचीन मंदिर का निर्माण 10वीं शताब्दी में (920 ईस्वी से 940 ईस्वी के मध्य) राजा साहिल वर्मन के द्वारा करवाया गया था।

मंदिर कुल 06 छोटे बड़े मंदिर बने हुए है जिनमें से 03 मुख्य मंदिरों में भगवान विष्णु, भगवान शिव और ब्रम्हा जी की मूर्तियाँ स्थापित की गई है। इन 03 मंदिरों के अलावा इस मंदिर में देवी गौरी और राधा जी की भी यहाँ पर पूजा की जाती है। ऐतिहासिक प्रमाणों के अनुसार इस मंदिर में गरुड़ की मूर्ति का निर्माण राजा बलभद्र के द्वारा करवाया गया था और मंदिर के शिखर का निर्माण राजा छत्र सिंह ने करवाया था।

मंदिर निर्माण से जुड़ी हुई एक कथा के अनुसार राजा साहिल वर्मन के 08 पुत्र मंदिर निर्माण के लिए उपयुक्त पत्थर की खोज करते हुए मारे गए थे। राजा साहिल वर्मन के सबसे बड़े पुत्र युगकारा ने एक संत की सहायता से मंदिर निर्माण के लिए उपयुक्त पत्थर खोजने में सफलता प्राप्त की थी। मंदिर के गृभगृह में स्थापित भगवान विष्णु की प्रतिमा में एक विशेष प्रकार के संगमरमर के पत्थर का उपयोग किया गया है।

लक्ष्मी नारायण मंदिर डलहौजी में दर्शन का समय – Laxmi Narayan Mandir Dalousie Timings in Hindi

श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए मंदिर सुबह 06:00 बजे से लेकर दोपहर 12:30   तक और दोपहर के 02:30 बजे से लेकर रात को 08:30 बजे तक खुला रहता है।

लक्ष्मी नारायण मंदिर डलहौजी में प्रवेश शुल्क  – Laxmi Narayan Mandir Dalousie Entry Fee in Hindi

प्रवेश निःशुल्क।

(अगर आप मेरे इस आर्टिकल में यहाँ तक पहुंच गए है तो आप से एक छोटा से निवदेन है की नीचे कमेंट बॉक्स में इस लेख से संबंधित आपके सुझाव जरूर साझा करें, और अगर आप को कोई कमी दिखे या कोई गलत जानकारी लगे तो भी जरूर बताए।  में यात्रा से संबंधित जानकारी मेरी इस वेबसाइट पर पोस्ट करता रहता हूँ, अगर मेरे द्वारा दी गई जानकारी आप को पसंद आ रही है तो आप अपने ईमेल से मेरी वेबसाइट को सब्सक्राइब जरूर करे, धन्यवाद )

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