Valley Of Flowers Trek 2024 in Hindi | Valley Of Flowers National Park 2024 in Hindi | फुलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान 2024 | फूलों की घाटी उत्तराखंड | फूलों की घाटी ट्रेक 2024 | Valley Of Flowers Uttrakhand in Hindi | Trek Guide | Best Time To Visit | Things to do | How to Reach | Entry Fees
फूलों की घाटी – Valley Of Flower in Hindi
उत्तराखंड के चमोली जिले के गोविंदघाट के पास में स्थित फूलों की घाटी उत्तराखंड के सबसे प्रसिद्ध ट्रेक में से एक है। समुद्रतल से समुद्रतल से मात्र 3352 मीटर (10997.38 फ़ीट) से लेकर लगभग 3658 मीटर (12001.31 फ़ीट) की ऊँचाई पर स्थित फुलों की घाटी नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान का हिस्सा होने के साथ-साथ UNSECO की वर्ल्ड हेरिटेज साइट भी है।
मात्र 87.50 वर्ग किलोमीटर में फैली हुई फूलों की घाटी पूरे साल में सिर्फ जून से लेकर अक्टूबर महीने तक ही पर्यटकों के लिये खुली रहती है और बाकी समय यहाँ होने वाली अत्यधिक बर्फबारी की वजह से बंद रहती है। और यही वजह है कि जून से लेकर अक्टूबर महीने के बीच मे ही फूलों की घाटी की यात्रा करने का समय सबसे अच्छा माना जाता है।
उत्तराखंड में जितने भी ट्रेक्स है वहाँ से आपको हिमालय के किसी ना किसी बड़े शिखर के बेहद मनोरम दृश्य दिखाई देते है लेकिन फूलों की घाटी एक ऐसा ट्रेक है जहाँ पर आपको एक समय मे 500 से भी अधिक फूलों की प्रजातियां दिखाई देती है। और साल में सिर्फ कुछ समय के लिये खिलने वाले इन फूलों को देखने के लिये ही पर्यटक इस जगह ट्रेक करने आते है।
वैसे तो फूलों की घाटी का ट्रैक एक मध्यम श्रेणी का ट्रैक माना जाता है लेकिन फिर भी बहुत सारे पर्यटक प्रयास के करके इस घाटी की सुंदरता को देखने के लिये यहाँ आते है। लेकिन जितने भी ट्रेकर या पर्यटक पहली बार फूलों की घाटी देखने के लिये आते है उनके मन में इस ट्रैक से जुड़े हुए बहुत सारे सवाल होते है। उन्हीं सवालों का जवाब में आपको आज के इस ब्लॉग में देने का प्रयास करूंगा….
01 फूलों की घाटी ट्रेक कहाँ से शुरू होता है ?
02 फूलों की घाटी ट्रेक में कितना टाइम लगता है ?
03 फूलों की घाटी ट्रेक के दौरान क्या- क्या सुविधा मिलती है ?
04 क्या फूलों की घाटी ट्रेक सुरक्षित है ?
05 फूलों की घाटी ट्रेक में कितना खर्च आता है ?
06 फूलों की घाटी ट्रेक करने का सबसे अच्छा टाइम क्या है ?
07 फूलों की घाटी का इतिहास क्या है ?
08 फूलों की घाटी ट्रेक कितना मुश्किल है ?
फूलों की घाटी ट्रेक – Valley Of Flower Trek in Hindi
उत्तराखंड के चमोली जिले के गोविंदघाट से शुरू होने वाला फूलों की घाटी ट्रेक एक मध्यम श्रेणी का ट्रैक माना जाता है। एक मध्यम श्रेणी का ट्रैक होने के बावजूद भी शुरुआती और अनुभवी दोनों तरह के ट्रेकर्स यह ट्रेक करना पसंद करते है।
और इसका मुख्य कारण है फूलों की घाटी की अविस्मरणीय सुंदरता, इसके अलावा जो तीर्थ यात्री हेमकुंड साहिब दर्शन करने आते है उनमें से कुछ यात्री फूलों की घाटी वाला ट्रेक करना भी पसन्द करते है क्योंकि की फूलों की घाटी और हेमकुंड साहिब में कोई बहुत ज्यादा अंतर नहीं है। फूलों की घाटी का ट्रैक साल में सिर्फ जून से लेकर अक्टूबर महीने तक ही खुला रहता है और इसकी वजह से सर्दियों के मौसम में होने वाली अत्यधिक बर्फबारी।
साल के जिस समय फूलों की घाटी ट्रेक किया जाता है उसी समय यहाँ पर मानसून भी आता है यही वजह है कि यह ट्रेक करते समय आपको अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिये क्योंकि हाल ही के वर्षों में यहाँ मानसून के समय यहाँ होने वाले भूस्खलन की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ गई है। फूलों की घाटी का ट्रेक कुल 35-40 किलोमीटर लंबा है जिसे पूरा करने में आपको 4-5 दिन का समय लग सकता है।
कुल मिलाकर कर आपको अगर किसी भी प्रकार की कोई गंभीर शारीरिक परेशानी नहीं है तो आप यह ट्रेक बड़ी आसानी से पूरा कर सकते है। फिर भी अगर आप फुलों की घाटी ट्रेक करने का कार्यक्रम बना रहे है तो आपको कुछ दिनों दिनों पहले से 4-5 किलोमीटर पैदल चलना शुरू कर देना चाहिये ताकि आपको ट्रेक करते समय किसी भी प्रकार की समस्या का सामना ना करना पड़े।
फूलों की घाटी ट्रेक का पहला दिन – Day One of Valley Of Flower Trek in Hindi
फूलों की घाटी का ट्रैक शुरू करने के लिये आपको सबसे पहले दिन गोविंदघाट पहुँचना होगा। ऋषिकेश से गोविंदघाट लगभग 270 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। और अगर आप अपने निजी वाहन से गोविंदघाट जा रहे है तो आप ऋषिकेश से देवप्रयाग-श्रीनगर-रुद्रप्रयाग-कर्णप्रयाग-गोपेश्वर और जोशीमठ होते हुए गोविंदघाट पहुंच सकते है।
इसके अलावा अगर आप यह ट्रेक किसी ट्रेकिंग एजेंसी के साथ यह ट्रेक कर रहे है तो वो लोग आपके गोविंदघाट तक पहुँचने की व्यवस्था पहले से कर के रखते है आपको तो सिर्फ उनके द्वारा निर्धारित स्थान पर तय समय पर पहुंचना होता है। इसके अलावा अगर आप बस द्वारा गोविंदघाट पहुँचना चाहते है तो आप हरिद्वार, ऋषिकेश, देहरादून और दिल्ली के ISBT बस स्टेशन से गोविंदघाट के लिये बस सेवा उपलब्ध मिल जाएगी।
ऋषिकेश से आपको गोविंदघाट के लिये शेयर्ड टैक्सी की सुविधा भी मिल जाएगी । ऋषिकेश से गोविंदघाट जाने वाली टैक्सी 8000 रुपये से लेकर 12000 रुपये तक भाड़ा लेती है जो कि सभी सह यात्रियों में बराबर बंट जाता है।
फूलों की घाटी ट्रेक का दूसरा दिन – Day Two of Valley Of Flower Trek in Hindi
ऋषिकेश से गोविंदघाट पहुंचने के बाद पहले दिन आप यहाँ पर रात्रि विश्राम कर सकते है। अगर आप किसी ट्रैकिंग एजेंसी के साथ यह ट्रेक करने आये है तो वो आपके लिए गोविंदघाट में रुकने के व्यवस्था पहले से करके रखते है और अगर आप अकेले या फिर अपने दोस्तों के साथ यह ट्रेक करने आये है तो आपको यहाँ पर आप के लिये पहले से होटल में रूम बुकिंग कर लेनी चाहिये।
गोविंदघाट में एक रात आराम करने के बाद फूलों की घाटी ट्रेक के दूसरे दिन आपको घाघरिया पहुँचना होगा। इसके लिये आपको गोविंदघाट से सुबह जल्दी पुलना के लिये निकलना होगा जो कि गोविंदघाट से 04 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। गोविंदघाट से पुलना तक जाने के लिये आप स्थानीय टैक्सी ही लेकर जा सकते है।
अपने निजी वाहन को लेकर पुलना जाने की अनुमति नहीं है इसके अलावा आप पैदल भी गोविंदघाट से पुलना तक पहुँच सकते है। पुलना पहुंचने के बाद आपको घाघरिया के लिये पैदल ट्रेक शुरू करना होता है। पुलना से घाघरिया का ट्रैक डिस्टेंस कुल 09 किलोमीटर है। यह ट्रेक पूरा करने में आपको लगभग 5-6 घंटे लग सकते है।
फूलों की घाटी ट्रेक का तीसरा दिन – Day Three of Valley Of Flower Trek in Hindi
फूलों की घाटी ट्रेक के दूसरे दिन आप गोविंदघाट से पुलना होते हुए घाघरिया पहुंचते है। दूसरे दिन का ट्रैक पूरा करने के बाद आपको रात्रि विश्राम घाघरिया में करना होता है। फूलों की घाटी ट्रेक के दौरान घाघरिया एक ऐसी जगह जहाँ से आप फूलों की घाटी और हेमकुंड साहिब दोनों ही जगह के लिये रास्ते अलग हो जाते है।
फूलों की घाटी ट्रेक के तीसरे दिन आप सुबह जल्दी उठकर घाघरिया से फूलों की घाटी के लिये ट्रेक शुरू कर सकते है। घाघरिया से फूलों की घाटी की दूरी लगभग 04 किलोमीटर के आसपास है। लेकिन आपको इस बात का खास तौर पर ध्यान रखना है कि आपको शाम होने से पहले फूलों की घाटी से घाघरिया लौट कर आना होगा ।
क्योंकि किसी भी पर्यटक को फूलों की घाटी में रात के समय रुकने की अनुमति नहीं है। इसी वजह से आपको फूलों की घाटी ट्रेक के तीसरे दिन कुल 08 किलोमीटर के आसपास ट्रेक करना पड़ता है।
फूलों की घाटी ट्रेक का चौथा दिन – Day Four of Valley Of Flower Trek in Hindi
फूलों की घाटी ट्रेक के चौथे दिन अगर आपके पास अगर अतिरिक्त समय है तो आप घाघरिया से हेमकुंड साहिब के दर्शन भी करके आ सकते है। घाघरिया से हेमकुंड साहिब की दूरी मात्र 06 किलोमीटर है।
अगर आप ट्रेक के चौथे दिन हेमकुंड जा कर आते है तो आपके के ट्रेक कार्यक्रम की अवधि एक दिन से बढ़ जाएगी। और आप चाहे तो फूलों की घाटी ट्रेक के चौथे दिन आप पुलना तक का 09 किलोमीटर पैदल ट्रेक करते हुए वापस गोविंदघाट भी लौट सकते है।
फूलों की घाटी ट्रेक का पांचवां दिन – Day Five of Valley Of Flower Trek in Hindi
ट्रेक के चौथे दिन आप गोविंदघाट में रात्रि विश्राम करने के बाद आप अगले दिन सुबह गोविंदघाट से ऋषिकेश के लिये रवाना हो सकते है। अगर आप किसी ट्रैकिंग एजेंसी के साथ यह ट्रेक कर रहे तो वो लोग आपके वापस ऋषिकेश लौटने की व्यवस्था पहले से करके रखते है। इसके अलावा आप बस या अपने निजी वाहन से भी ऋषिकेश लौट सकते है।
नोट :- अगर आप एक अनुभवी ट्रैकर नहीं है तो आपको बिना किसी ट्रेक गाइड या किसी ट्रैकिंग एजेंसी के फुलों की घाटी ट्रेक नहीं करना चाहिए।
फूलों की घाटी ट्रेक रूट – Valley Of Flower Trek Route in Hindi
फूलों की घाटी ट्रेक की शुरूआत वैसे तो गोविंदघाट से ही हो जाती है। आप जब गोविंदघाट से ट्रेक शुरू करते है तो आपको सबसे पहले टैक्सी से पुलना पहुँचना होता है। गोविंदघाट से पुलना की दूरी मात्र 04 किलोमीटर ही है। पुलना से आपका फूलों की घाटी के लिये पैदल ट्रेक शुरू हो जाता है। पुलना से आप लगभग 09 किलोमीटर पैदल ट्रेक करते हुए घाघरिया पहुचंते है।
उसके बाद घाघरिया से फूलों की घाटी पहुंचने के लिये आपको 04 किलोमीटर और पैदल ट्रेक करना होगा। फूलों की घाटी को अच्छे से देखने के लिये आपको 06-07 किलोमीटर और चलना पड़ सकता है। कुल मिलाकर फूलों की घाटी का ट्रैक लगभग 35-40 किलोमीटर लंबा है जिसे पूरा करने में आपमो 4-5 दिन लग सकते है।
फूलों की घाटी में घूमने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit Valley Of Flower in Hindi
फूलों की घाटी ट्रेक आम पर्यटकों और ट्रेकर्स के लिये साल में सिर्फ मई के अंतिम सप्ताह या फिर जून महीने के पहले सप्ताह आम पर्यटकों के लिये खुलता है और अक्टूबर के अंतिम सप्ताह या फिर नवंबर के पहले सप्ताह में आम पर्यटकों और ट्रेकर्स के लिये यह ट्रेक बंद हो जाता है।
कुल मिलाकर यह ट्रेक साल में सिर्फ 05 महीने ही ट्रेकर्स के लिये खुला रहता है बाकी के 07 महीने यह ट्रेक यहाँ होने वाली बर्फबारी की वजह से ट्रेकर्स के लिये बंद रहता है। मई महीने के अंत मे इस घाटी में बर्फ पिघलना शुरू होती है। और उसके बाद जून महीने में यहाँ पर नए फूल धीरे-धीरे खिलना शुरू हो जाते है।
और जुलाई आते-आते यह फूल पूरी तरह से खिल जाते है जिस वजह से यह घाटी किसी स्वर्ग से कम नहीं लगती है। और ऐसे स्वर्ग जैसे दृश्य आपको अगस्त और सितंबर महीने में भी दिखाई देते है। लेकिन सितंबर महीने का अंत आते-आते यहाँ ठंड बढ़ने लगे जाती है और अक्टूबर में बर्फबारी भी शुरू हो जाती है। जिस वजह से स्वर्ग जैसी दिखने वाली घाटी एकबार फिर से बर्फ की चद्दर में ढक जाती है।
इसलिए आप जब फूलों की घाटी घूमने जाए तो आपके लिये जुलाई से लेकर सितंबर महीना सबसे अच्छा माना जाता है। बाकी साल के इस समय यहाँ बारिश भी होती है और साथ मे भूस्खलन की संभावना भी रहती है । इसलिए आप जब यहाँ पर ट्रेक करने जाए तो पूरी सावधानी जरूर बरते।
फूलों की घाटी का मौसम – Valley Of Flower Weather in Hindi
नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित फूलों की घाटी की समुद्रतल से ऊँचाई लगभग 3352 मीटर (10997.38 फ़ीट) से लेकर लगभग 3658 मीटर (12001.31 फ़ीट) की ऊँचाई पर स्थित है। जिस वजह से यहाँ पर साल के अधिकतम तामपान न्यूनतम स्तर पर रहता है। इसके अलावा समुद्रतल से अधिकतम ऊँचाई पर स्थित होने की वजह से यहाँ पर साल के अधिकतम समय बर्फ गिरा करती है। गर्मियों के मौसम में भी यहाँ पर दिन अधिकतम तामपान सिर्फ 24° डिग्री तक ही जाता है और वहीं रात का तामपान 08° डिग्री के आसपास रहता है।
गर्मियों में फूलों की घाटी का मौसम – Valley Of Flower Weather in Summer
मार्च से जून महीने तक – अधिकतम: लगभग 16℃ / न्यूनतम: लगभग -12℃
मानसून में फूलों की घाटी का मौसम -Valley Of Flower Weather in Monsoon
जुलाई से सितंबर महीने तक – अधिकतम: लगभग 24℃ / न्यूनतम: लगभग 6℃
सर्दियों में फूलों की घाटी का मौसम – Valley Of Flower Weather in Winter
अक्टूबर से फरवरी महीने तक – अधिकतम: लगभग 20℃ / न्यूनतम: लगभग -13℃ और कम।
फूलों की घाटी प्रवेश का समय – Valley Of Flower Entry Timing in Hindi
फुलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान साल में सिर्फ 05 महीने ही पर्यटकों के लिए ही खुला रहता है। बाकी के समय यहाँ होने वाली बर्फबारी की वजह से यह उद्यान पर्यटकों के लिये बन्द रहता है। साल के इन महीनों में पर्यटक सुबह 08:00 बजे से लेकर शाम को 05:00 बजे तक पर्यटक उद्यान में घूमने जा सकते है। रात को उद्यान में अनुमति नहीं मिलती है।
फूलों की घाटी में प्रवेश शुल्क – Valley Of Flower Entry Ticket in Hindi
भारतीय पर्यटकों के लिये फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान में प्रवेश शुल्क 150/- रुपये निर्धारित किया गया है और विदेशी पर्यटकों के लिये उद्यान में प्रवेश शुल्क 600/- रुपये निर्धारित किया गया है। फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान के लिये प्रवेश टिकट की अवधि 03 दिन तक वैलिड रहती है। इसके लिये भारतीय पर्यटकों को 50/- रुपये अतिरिक्त भुगतान करना होता है और वहीं विदेशी पर्यटकों को 250/- रुपये अतिरिक्त देने पड़ते है।
प्रोफेशनल कैमरा के लिये भारतीय पर्यटकों को प्रतिदिन के हिसाब से 500/- रुपये का भुगतान करना होता है और वहीं विदेशी पर्यटकों को प्रतिदिन के हिसाब से 1500/- रुपए भुगतान करना होता है।
फूलों की घाटी ट्रेक कॉस्ट – Valley of Flowers Trek Cost in Hindi
उत्तराखंड, दिल्ली और चंडीगढ़ जैसे शहरों में बहुत सारी ट्रैकिंग एजेंसीज है जो की फूलों की घाटी ट्रेक करवाती है। लगभग सभी ट्रैकिंग एजेंसीज के पास अनुभवी ट्रेक गाइड होते है। फूलों की घाटी ट्रेक को पूरा करने में 4-5 दिन का समय लगता है, कुछ एजेंसी फूलों की घाटी के साथ हेमकुंड साहिब ट्रेक भी करवाती है इसलिए आपके ट्रेक की अवधि 01 दिन से बढ़ भी सकती है।
लगभग सभी ट्रैकिंग एजेंसी पिकअप पॉइंट से लेकर से फूलों की घाटी ट्रेक तक का कॉस्ट चार्ज करते है। लगभग सभी ट्रैकिंग एजेंसीज आपको यात्रा कार्यक्रम के पिकअप एंड ड्राप पॉइंट के बारे में पहले से बता देती है। फूलों की घाटी ट्रेक की अनुमानित लागत 8000 रूपए से लेकर 10000 रुपये तक जाती है।
अब यह कॉस्ट इस बात पर निर्भर करती है की आपको ट्रेक के दौरान एजेंसीज क्या-क्या सुविधा उपलब्ध करवाती है। इसलिए आप जब भी किसी ट्रेकिंग एजेंसीज के साथ यह ट्रेक करें तब आप उन लोगों से यात्रा कार्यक्रम के बारे में पूरी जानकारी जरूर ले लेवें।
फूलों की घाटी ट्रेक के लिए टिप्स – Tips For Valley Of Flowers Trek in Hindi
01 पहचान पत्र
02 मफलर
03 पानी की बोतल ( 3-5 से लीटर )
04 ड्राई फ्रूट्स और पैकेट फ़ूड
05 गरम कपड़े ( स्वेटर / जैकेट / पुल ओवर )
06 पोंचो / रेन कोट ( बारिश के मौसम के लिए )
07 धुप का चश्मा
08 टोर्च / पॉवर बैंक / कैमरा के लिए एक्स्ट्रा बैटरी
09 कैंपिंग का सामान अगर संभव हो। ( चटाई / स्लीपिंग बैग )
10 इलेक्ट्रॉनिक सामान को बारिश से बचाने के वाटरप्रूफ बैग।
11 नींबू और नमक या इलेक्ट्रोलाइट पाउडर/पेय (इलेक्ट्रल/गेटोरेड/ग्लूकॉन डी)
12 ट्रैकिंग शूज / ट्रैकिंग पेंट / क्विक ड्राई टीशर्ट /केप
13 सीटी (आपात स्थित के लिए )
14 प्राथमिक चिकित्सा किट :- कैंची, सनस्क्रीन (एसपीएफ़ 50+), बैंड एड्स (वाटर प्रूफ), एनाल्जेसिक स्प्रे (रिलीस्प्रे, वोलिनी), एंटीसेप्टिक लिक्विड (सेवलॉन, डेटॉल), एंटीसेप्टिक पाउडर (पोविडोन-आयोडीन आधारित पाउडर जैसे सिप्लाडाइन, सेवलॉन), पट्टी, रुई, क्रेप पट्टी आदि।
15 दवाइयां :- बुखार , सिरदर्द , मोशन सिकनेस , लूज़ मोशन , उल्टी और एसिडिटी आदि ।
16 फूलों की घाटी ट्रेक शुरू करने से पहले मौसम के बारे में जरूर पता करें।
17 अगर आप को पहाड़ों में ट्रैकिंग का अनुभव नहीं है तो अपने साथ स्थानीय गाइड कर सकते है।
18 ट्रेक शुरू करने से पहले आप जिस ट्रैकिंग एजेंसी के साथ यह ट्रेक कर रहे है तो आप सबसे पहले यात्रा कार्यक्रम की जानकारी जरूर लेना ना भूले
19 ट्रेक शुरू करने से पहले फूलों की घाटी ट्रेक से जुड़े हुए नियमों के बारे में जानकारी जरूर ले लेवें।
20 अगर आप किसी ट्रैकिंग एजेंसी के साथ यह ट्रेक नहीं कर रहे है तो आप अपने साथ स्थानीय ट्रेक गाइड जरूर कर लेवें।
21 अगर आप एक अनुभवी ट्रेकर नहीं है तो भूल कर भी यह ट्रेक अकेले ना करें।
22 ट्रेक के दौरान आपको किसी भी तरह के मोबाइल नेटवर्क नहीं मिलते है। साथ में ही आपको आपके इलेक्ट्रॉनिक उपकरण चार्ज करने की सुविधा भी उपलब्ध नहीं होगी इसलिए आप ट्रेक के दौरान अतिरिक्त बैटरी और पॉवरबैंक जरूर साथ रखें।
23 मानसून के मौसम में ट्रेक फिसलन भरा हो जाता है इसलिए इस समय थोड़ी अतिरिक्त सावधानी रखें।
( नोट :- किसी भी तरह के दवाई लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लेवें। )
फूलों की घाटी कैसे पहुँचे – How To Reach Valley Of Flowers in Hindi
हवाई मार्ग से फूलों की घाटी कैसे पहुँचे – How To Reach Valley Of Flowers By Air in Hindi
अधिकतम ऊँचाई पर स्थित होने की वजह से फूलों की घाटी के लिए कोई सीधी हवाई सेवा उपलब्ध नहीं है। देहरादून का जॉली ग्रांट हवाई अड्डा सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है। जॉली ग्रांट हवाई अड्डे से फूलों की घाटी के सबसे नजदीकी शहर गोविंदघाट से दूरी मात्र 303 किलोमीटर है। देहरादून से आप बस, कैब, टैक्सी और शेयर्ड टैक्सी की सहायता से गोविंदघाट बड़ी आसानी से पहुंच सकते है।
इसके अलावा दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से भी गोविंदघाट टैक्सी और कैब की सहायता से पहुँच सकते है। दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से गोविंदघाट की दूरी मात्र 528 किलोमीटर है। इसके अलावा गोविंदघाट से घाघरिया के लिए हेलीकॉप्टर सुविधा भी उपलब्ध है। देहरादून का जॉली ग्रांट एयरपोर्ट और दिल्ली का इंदिरा गांधी एयरपोर्ट देश के सभी प्रमुख शहरों द्वारा बहुत अच्छे से जुड़े हुए है।
रेल मार्ग से फूलों की घाटी कैसे पहुँचे – How To Reach Valley Of Flowers By Train in Hindi
ऋषिकेश और हरिद्वार के रेलवे स्टेशन गोविंदघाट के सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है। ऋषिकेश और हरिद्वार से आप बस, टैक्सी, कैब और शेयर्ड टैक्सी के द्वारा गोविंदघाट बहुत आराम से पहुंच सकते है। ऋषिकेश से गोविंदघाट की दूरी मात्र 266 किलोमीटर है। और वहीं हरिद्वार से गोविंदघाट की दूरी मात्र 288 किलोमीटर है। ऋषिकेश और हरिद्वार रेलवे स्टेशन देश के लगभग सभी प्रमुख रेलवे स्टेशन से बहुत अच्छी तरह से जुड़े हुए है।
सड़क मार्ग से फूलों की घाटी कैसे पहुँचे – How To Reach Valley Of Flowers By Road in Hindi
फूलों की घाटी के सबसे नजदीकी शहर गोविंदघाट सड़क मार्ग द्वारा उत्तराखंड के कई प्रमुख शहर हरिद्वार, ऋषिकेश, देहरादून और श्रीनगर से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। उत्तराखंड की सरकारी बस सेवा और निजी बस सेवा द्वारा आप गोविंदघाट बड़ी आसानी से पहुंच सकते है। इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग 58 से आप टैक्सी और कैब के द्वारा बड़ी आसानी से गोविंदघाट पहुँच सकते है। इसके अलावा आप अपने निजी वाहन से भी गोविंदघाट पहुंच सकते है।
(अगर आप मेरे इस आर्टिकल में यहाँ तक पहुंच गए है तो आप से एक छोटा से निवदेन है की नीचे कमेंट बॉक्स में इस लेख से संबंधित आपके सुझाव जरूर साझा करें, और अगर आप को कोई कमी दिखे या कोई गलत जानकारी लगे तो भी जरूर बताए। में यात्रा से संबंधित जानकारी मेरी इस वेबसाइट पर पोस्ट करता रहता हूँ, अगर मेरे द्वारा दी गई जानकारी आप को पसंद आ रही है तो आप अपने ईमेल से मेरी वेबसाइट को सब्सक्राइब जरूर करे, धन्यवाद )