हाथी गांव जयपुर 2024 | Elephant Village Jaipur Travel Guide in Hindi 2024 | Elephant Village in Hindi 2024 | Hathi Gaon Jaipur in Hindi | Jaipur Tourist Place in Hindi | Amer Fort | Things to do | Timing | Entry Fees
वन्यजीवों में हाथी और इंसानों का रिश्ता सबसे अलग है, सदियों से लेकर आजतक इस शानदार वन्यजीव का इंसानों के साथ जो खूबसूरत रिश्ता दिखाई देता है। इंसानों का वैसा तालमेल किसी अन्य वन्यजीव के साथ कभी नहीं रहा है। एक समय था जब हाथी जैसा शानदार प्राणी कभी राजाओं की सबसे पसंदीदा सवारी हुआ करता था और युद्ध के समय में भी राजा हाथी पर बैठ कर ही युद्ध करना पसंद करते थे।
राजस्थान कभी भी हाथियों का प्राकर्तिक आवास नहीं रहा है लेकिन राजस्थान के सभी राजा-महाराजों के लिए हाथी सबसे ज्यादा पसन्द की जाने वाली सवारी रहा है। आज भी आमेर के किले में हाथी की सवारी का पर्यटक खूब लुफ्त उठाते है। कुछ वर्ष पहले आमेर में होने वाली हाथी की सवारी पर आम लोगों और कुछ सामाजिक संस्थाओं द्वारा आपत्ति दर्ज करवाई गई। इन लोगों का यह कहना था की हाथी की सवारी के लिए एक हाथी को बहुत बुरी तरीके से प्रताड़ित किया जाता है जो की बहुत गलत है।
स्थानीय प्रशासन और राजस्थान सरकार ने आम लोगों और सामाजिक संस्थाओं की बातों को मानते हुए 2010 में एक बहुत अच्छी और नई शुरुआत की जिसमे हाथियों और उसके साथ जुड़े हुए परिवारों का लिए सरकार द्वारा एक नया गांव ही बसा दिया और उसे नाम दिया गया हाथी गांव।
हाथी गांव जयपुर – Elephant Village Jaipur in Hindi
2010 में तत्कालीन राजस्थान सरकार और पर्यटन विभाग ने जयपुर में आमेर किले के पास हाथी गांव की स्थापना की। हाथी गांव की स्थापना के दो मुख्य कारण थे- सबसे पहले तो आमेर किले में पर्यटकों की सवारी में उपयोग में लिए जाने वाले हाथी और हाथियों की देखभाल करने वाले महावतों के परिवारों को रहने और हाथियों की देखभाल करने के लिए उचित जगह उपलब्ध करवाना।
और दूसरा जयपुर आने वाले पर्यटकों में हाथी जैसे शानदार वन्यजीव के साथ प्राकृतिक आवास में समय बिताने का एक अलग और वास्तविक अनुभव प्राप्त करवाना। हाथी गांव की सबसे अलग बात यह है कि इस स्थान पर में जितने भी हाथी है वो सभी दक्षिण भारत से लाये गए है और उनके महावत भी देश के अलग-अलग राज्यों से है इनमें भी सबसे ज्यादा बिहार के नागरिक है।
अरावली पर्वतमाला की तलहटी में स्थित हाथी गांव पशु प्रेमियों की जयपुर में सबसे पसंदीदा जगहों में से एक हो सकता है क्यूँ की इस हाथी गांव में हाथी की सवारी को प्रमोट नहीं किया जाता है बल्कि इस शानदार और विशाल जानवर को नजदीक से जानने का अवसर प्रदान किया जाता है। हाथी गांव में हाथियों को नजदीक से जानने की लिए कुछ मनोरंजन गतिविधियां निर्धारित की गई जिसमें इस शानदार जीव को यहाँ आने वाले पर्यटकों और हाथी के बीच एक बहुत ही सुंदर रिश्ता बन जाता है।
हाथी गांव में करने योग्य बातें – Things to do in Elephant Village Jaipur in Hindi
हाथी गांव में आने वाले प्रत्येक पर्यटकों के लिए कुछ गतिविधियों का आयोजन किया जाता है जिसकी वजह से यहाँ आने वाले सभी पर्यटक हाथी गांव से एक अलग अनुभव अपने साथ में लेकर जाते है।
01- हाथी गांव में आने वाले हर पर्यटक का सबसे पहले हाथियों की रखवाली करने वाले परिवार के सदस्यों से करवाया जाता है। उसके बाद हाथी रखवाली करने वाले परिवार का सदस्य आप को हाथी से मिलवाता है। उसके बाद हाथी का महावत आप को हाथी के समीप ले जाता है। महावत वो सबसे पहले हाथी को आपकी गंध लेने देता है और कुछ समय के बाद जब हाथी को आप पर विश्वास हो जाता है तो उसके बाद हाथी की देखभाल करने वाले महावत के साथ आप हाथी की सूंड पर हाथ फिरा सकते है।
02- जब आप हाथी की सूंड पर हाथ फिराते है तो उस समय हाथी और आपके के बीच एक रिश्ता बन जाता है। हाथी जब आप पर विश्वास करने लग जाता है। उसके बाद महावत के साथ आपको हाथियों से संवाद कैसे बनाया जाता है उसके कुछ तरीके और इशारे समझने का मौका मिलता है। हाथियों से संवाद करना आप के लिए एक मनोरंजक और यादगार रहेगा।
03- अब हाथी आप पर विश्वास करने लगा है और आप भी हाथी के साथ सहज महसूस करने लगते है। हाथी को छुना और उससे संवाद कैसे करना है यह सीखने के बाद अब बारी आती है हाथी को खाना खिलाने की। खाना, खाना हाथी का सबसे पसंद होता है यह काम हाथी पूरे दिन कर सकता है। हाथी को खाना खिलाने लिए महावत आप को केले और गन्ने देता है।
04- खाने के अलावा हाथी को नहाना बहुत पसंद होता है। हाथी गांव में हाथियों का नहलाने के लिए तालाब बना हुआ जिसमे लगभग हमेशा हाथियों का नहलाया जाता है। हाथी गांव में आने वाले लगभग सभी पर्यटकों के लिए हाथी को नहाते हुए देखना या फिर आप चाहे तो महावत के साथ अपने हाथों से भी हाथी का नहलाने का आनन्द ले सकते है।
05- हाथी सदियों से राजपरिवारों की शाही सवारी रहा है और जब भी एक राजा या फिर कोई भी राजपरिवार का सदस्य एक हाथी की सवारी करता था तब हाथी को बहुत ही खूबसूरत तरीके से सुसज्जित किया जाता था। हाथी को सुसज्जित करने की प्रकिया में हाथी को पर कई तरह के रंगो से रंगोली बनाई जाती थी । अगर आप हाथी गांव में घूमने आये है तो यहां पर हाथी पर रंगोली बनाना ना भूले।
06- हाथी पर सवारी करना एक अलग अनुभव होता है लेकिन एक हाथी को सवारी के लिए तैयार करने की प्रक्रिया बहुत पीड़ा दायक होती है। इसलिए बहुत समय से हाथी पर सवारी का विरोध हो रहा है। हालांकि हाथी गांव में आप हाथी की सवारी बिना सैडल के कर सकते है लेकिन यह पूरी तरह से आप की विवेक पर निर्भर करता है। हाथी की सवारी सिर्फ 15 मिनट के लिये करवाई जाती है और इन 15 मिनट के लिए आप को 2000/- रुपये तक खर्च करने पड़ सकते है।
हाथी गांव में प्रवेश शुल्क और टाइमिंग – Elephant Village Jaipur – Timing & entry Fees in Hindi
हाथी गांव में भारतीय पर्यटकों का प्रवेश शुल्क 50/- रुपये निर्धारित किया गया है और विदेशी पर्यटकों के लिये प्रवेश शुल्क 300/- रुपये निर्धारित किया गया है। हाथी पर सवारी करने के लिए आप को 2500/- रुपये तक भुगतान करना पड़ सकता है। हाथी गांव पूरे सप्ताह खुला रहता है दिन में किसी भी समय आप हाथी गांव में घूमने जा सकते है।
हाथी गांव के आस पास घूमने की सबसे अच्छी जगह – Tourist places near Elephant Village Jaipur in Hindi
रणथम्भौर किला, रणथम्भौर नेशनल पार्क , रणथम्भौर नेशनल पार्क टाइगर सफारी, पुष्कर, जयपुर भाग-01, जयपुर भाग-02, जयपुर भाग-03, गोविंददेवजी मंदिर, आमेर किला, कोटा, केवलादेव घना पक्षी विहार, सरिस्का टाइगर रिज़र्व, झालाना लेपर्ड रिज़र्व, भानगढ़ किला इसके अलावा उत्तर प्रदेश भी एक नजदीकी राज्य है यहां पर मथुरा, वृन्दावन और आगरा भी घूमने जा सकते है |
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