मसूरी के 25 पर्यटक स्थल 2024 | 25 Places To Visit In Mussoorie in Hindi 2024 | Mussoorie In Hindi | Mussoorie Tourism | Things to do in Mussoorie in Hindi | Mussoorie Tourist Places in Hindi | Mussoorie Travel Guide in Hindi 2024
मसूरी का इतिहास – History of Mussoorie in Hindi
उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में बसा एक सुन्दर शहर मसूरी इस जगह के बारे में जो सबसे सामान्य बात हमें पता है की सब के सब इसे पहाड़ो की रानी मसूरी के नाम से भी जानते है और जब भी आप यहां पर आते हो तो आप को महसूस हो जाता है की इसे पहाड़ो की रानी क्यूँ कहते है|
और जब, अब आप लोग यहां पर घूमने आ रहे हो तो में आप को मसूरी के इतिहास की थोड़ी सी जानकारी दे देता हूँ । मसूरी का इतिहास भारत में शासन करने वाले अंग्रेजों के समय का है, लगभग 200 साल पहले जब इस जगह सिर्फ चरवाहे ही हुआ करते थे उस समय 1815 में मसूरी में पहला घर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के एक लेफ्टिनेंट फ्रेडरिक यंग ने आसपास के जंगलों में शिकार करने और यहाँ पर रहने के लिए सबसे पहला घर बनाया जिसका नाम रेसिडेंस मुलिंगर हवेली रखा गया|
फ्रेडरिक यंग 1815 से 1842 तक अपने बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर रहे । 1823 में सबसे पहली बस्ती का यहाँ पर निर्माण हुआ । इस जगह का नाम मसूरी रखने का एक छोटासा की किस्सा यहाँ मशहूर है अंग्रेजों से पहले चरवाहों के जानवर यहां पर मंसूर नाम की झाडी चरते थे, बस इसी झाड़ी के काऱण इस जगह का नाम मसूरी हो गया कुछ स्थानीय निवासी आज भी इस जगह को मंसूरी बोलते है ।
जैसे जैसे समय बीतता गया यह जगह प्रसिद्ध होती गई और उस समय इस जगह की मुख्य आबादी में अंग्रेज ही ज़्यादा थे तो उन लोगों ने यहाँ की कुछ जगहो पर “भारतीयों और कुत्तों का प्रवेश वर्जित है” जैसी अपमान जनक बातें लिख दिया करते थे ।
मसूरी के रोचक तथ्य – Interesting facts – Mussoorie in Hindi
आज मसूरी एक हनीमून डेस्टिनेशन के लिए ज्यादा फेमस है लेकिन कुछ ऐसी बातें हैं जो मसूरी को एक हनीमून डेस्टिनेशन से अलग खड़ा करती है मेरे को ऐसा लगता है कि इन बातों के कारण भी आपको एक बार मसूरी जरूर जाना चाहिए कुछ ऐसी रोचक बातें है जो मैं आपको बताना चाहता हूं।
01 विश्व प्रसिद्ध माउंट एवेरेस्ट का नाम सर जॉर्ज एवरेस्ट नाम पर रखा हुआ है सर जॉर्ज एवरेस्ट ने ही माउंट एवेरेस्ट की ऊंचाई का अध्ययन किया था और उसके फलस्वरूप माउंट एवेरेस्ट को अपना नाम मिला, 1832 से 1860 तक सर जॉर्ज मसूरी में रहे।
सर जॉर्ज 1823 से 1843 तक ग्रेट ट्रिगोनोमेट्रिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया के प्रभारी अधीक्षक थे, जो उस समय भारतीय उपमहाद्वीप की वैज्ञानिक रूप से की सटीक जानकारी देने वाली मुख्य परियोजनाओं में से एक थी। इस परियोजना का मुख्य भाग मद्रास से शुरू हुआ और मसूरी में आकर समाप्त हो रहा था।
सर जॉर्ज इस परियोजना का मुख्य कार्यालय मसूरी में बनाने के इच्छुक थे लेकिन उनकी उसके विपरीत कार्यालय को देहरादून में स्थापित किया गया जो की यहां आज स्थापित भी है।
02 आप ने कभी मशहूर लेखक रस्किन बांड के पढ़ा होगा, उन्होंने मसूरी पर कुछ बहुत अच्छी किताबें लिखी है इनमें से एक है “रोड टू मसूरी” और “मसूरी मिस्ट्री” अगर आप इन से मिलना चाहते हैं तो मसूरी की मॉल रोड पर कैंब्रिज बुक डिपो करके शॉप है, वहां पर आज भी रस्किन बॉन्ड हर शनिवार को शाम को 3:30 से लेकर 5:30 तक आपको मिलेंगे और वह बच्चों से पर्सनली मिलते हैं| सब अच्छा रहा तो आपको उनकी साइन करी बुक भी मिल सकती है।
03 अपने औपनिवेशिक इतिहास के कारण मसूरी में शराब पकाने की एक पुरानी और लंबी परंपरा है, भारत का पहला शराब बनाने का कारखाना “द ओल्ड बेवेरी” सर हेनरी बोहल ने शुरू करी थी । शुरुआत में इस जगह पर सिर्फ बियर का निर्माण ही किया गया लेकिन डिमांड बढ़ने के कारण फिर आगे चलकर यहां पर व्हिस्की बनाना भी शुरू कर दिया गया।
आगे चलकर लाइसेंस के मुद्दों के कारण इसको कई बार बंद किया गया कई बार वापस शुरू किया गया। फिर अंत में 1850 में सर मैकिनॉन एंड कंपनी ने “द ओल्ड बेवरी” को वापस शुरू किया।
04 तिब्बत और मसूरी का एक अलग ही रिश्ता है 14वें दलाई लामा 1959 मैं जब भागकर भारत आए, तब मसूरी में केंद्रीय तिब्बती प्रशासन की स्थापना की गई जिसे उस समय निर्वासित तिब्बती सरकार की राजधानी के रूप में भी जाना गया।
उसके बाद मसूरी भी तिब्बत फ्री आंदोलन से जुड़ गया वर्तमान में इस केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के कार्यालय को धर्मशाला में स्थानांतरित कर दिया गया है । 1960 में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने यहां रहने वाले तिब्बतियों के लिए केंद्रीय विद्यालय की स्थापना की जो आज भी चालू है, आज भी मसूरी और आसपास के क्षेत्र में 5000 से ज्यादा तिब्बती नागरिक रहते हैं।
05 फ्री वाईफाई किस को पसंद नहीं है, सबको पसंद है अगर मसूरी आये है तो फ्री के वाईफाई का मजा जरूर लेना फ्री के वाईफाई की सर्विस शुरू करने वाला मसूरी भारत का पहला हिल स्टेशन है इसका पूरा क्रेडिट जाता है रिलायंस जिओ को।
06 मैडम तुसाद वैक्स म्यूजियम के बारे में सुना है, लंदन में है दूर हो जाएगा थोड़ा। इसीलिए मसूरी के पास खुद का मोम संग्रहालय है| भारत का तीसरा वैक्स म्यूजियम है और द के-देव भूमि वैक्स म्यूजियम के नाम से जाना जाता है। यहां पर लगभग 26 विश्व प्रसिद्ध हस्तियों की वैक्स की मूर्तियां बनाई हुई है।
मसूरी का भूगोल – Geography of Mussoorie in Hindi
समुद्र तल से मसूरी की औसत ऊंचाई लगभग 1,300 मीटर या 4,270 फीट है। मसूरी की सबसे अधिक ऊंचाई वाली जगह लाल टिब्बा के नाम से फेमस है कुछ लोग इस जगह को लुकआउट पॉइंट के नाम से भी बुलाने लगे हैं।
हिमालय में स्थित मसूरी एक मध्यम ऊंचाई वाला पहाड़ी क्षेत्र हैं जिसके कारण इसकी जलवायु अन्य पहाड़ी क्षेत्र से अलग है गर्मी के दिनों में यहां मौसम गर्म रहता है और हवा में नमी बनी रहती है जुलाई से लेकर अगस्त तक लगभग 30 इंच तक यहां पर बारिश होती है।
मानसून के बाद मसूरी का मौसम ठंडा हो जाता है सर्दियों में दिसंबर से लेकर फरवरी यहां पर भारी बर्फबारी होती है हालांकि इन वर्षों बर्फबारी में भारी गिरावट आई है इसका मुख्य कारण इस क्षेत्र में अत्यधिक कटाई और निर्माण की तेज गति और ग्लोबल वार्मिंग जैसे बड़े-बड़े स्थानीय कारणों के कारण में कमी आई है।
25 Places To Visit In Mussoorie in Hindi | Things to do in Mussoorie | Mussoorie in Hindi | पहाड़ों की रानी मसूरी
मसूरी झील – Mussoorie Lake in Hindi
मसूरी झील, मसूरी के मुख्य शहर से 6 किलोमीटर पहले आती है यह एक प्राकृतिक झील ना होकर एक कृत्रिम झील है जिसका निर्माण मसूरी झील सिटी बोर्ड द्वारा किया गया है ताकि यहां पर पर्यटन को बढ़ावा मिल सके। बच्चों के लिए यह जगह एक अच्छा पिकनिक स्पॉट हो सकती है यहां पर सिटी बोर्ड ने कुछ दुकानें और रेस्टोरेंट भी बनवाए हैं कुछ छोटे एडवेंचर एक्टिविटी भी यहां पर आयोजित की जाती है।
यह जगह पूरे साल खुली रहती है, आप यहां नौकायन का आनन्द लेसकते हैं यह जगह सुबह सुबह 8:00 से शाम 7:00 बजे तक की है खुली रहती है। बारिश के मौसम में यह जगह और भी सुंदर हो जाती है।
मसूरी लेक में प्रवेश का समय – Mussoorie Lake Timings in Hindi
सुबह 08:00 बजे से लेकर शाम को 07:00 बजे तक।
मसूरी लेक में प्रवेश शुल्क – Mussoorie Lake Entry Fee in Hindi
मसूरी लेक में 15/- रूपए प्रति व्यक्ति प्रवेश शुल्क लिया जाता है और यहाँ पर बोट राइड और अन्य गतिविधियों के लिए अलग से शुल्क देय है ।
कैमल बैक रोड मसूरी – Camel Back Road Mussoorie in Hindi
लाइब्रेरी पॉइंट से कुलेरी बाजार से लगभग 3 किलोमीटर लंबी एक सड़क जाती है जिसका रास्ता काफी उबड़ खाबड़ है, और एक तरह से यह ऊंट की सवारी करने के जैसा महसूस करवाती है| बस इसी के कारण इस जगह का नाम कैमल बैक रोड हो गया, पर्यटक इस जगह पर आना बहुत पसंद करते हैं|
इस जगह से आप दून घाटी के बहुत ही सुंदर दृश्य देख सकते हैं, साथ में ही सूर्योदय और सूर्यास्त के लिए भी जगह बहुत ज्यादा प्रसिद्ध है| मानसून या मानसून के बाद आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना है कि सुबह और शाम के वक्त यहां भीड़ बढ़ जाती है।
केम्प्टी फॉल्स मसूरी – Kempty Falls Mussoorie in Hindi
मसूरी से केंपटी फॉल जाने के लिए लगभग आपको 15 किलोमीटर की एक छोटी सी यात्रा करनी पड़ेगी| केंपटी फॉल की समुद्र तल से ऊंचाई 4500 फीट है ,और यमुना नदी से यह 12 किलोमीटर दूरी पर स्थित है, केंपटी फॉल उत्तराखंड का सबसे प्रसिद्ध झरना स्थल, है यह झरना चारों तरफ ऊंची ऊंची चट्टानों से घिरा हुआ है साथ में ही दुकानों से भी घिरा हुआ है, यहां पर आप नहाने का आनंद ले सकते हैं और मैगी भी खा सकते हैं।
1835 में एक ब्रिटिश अधिकारी जॉन मैकिनन ने इस जगह को एक पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित किया। आगे जाकर है यह झरना 5 धाराओं में बंट जाता है, अगर आपको केंपटी फॉल देखना है तो मानसून का मौसम सबसे अच्छा रहेगा। केंपटी फॉल जाते वक्त रास्ते में एक प्राचीन झील आती है जो लेक मिस्ट के नाम से प्रसिद्ध है यह झील में पानी का मुख्य स्त्रोत केम्पटी नदी का पानी है।
केंपटी फॉल जाते वक्त एक बार आपको यहां रुक के कुछ समय बिताना चाहिए यहां पर बच्चों के लिए बोटिंग की सुविधा है और खाने पीने के लिए रेस्टोरेंट बने हुए हैं। यहां की हरी-भरी पहाड़ियां इस जगह को और भी ज्यादा सुंदर बनाती है अगर आप सुबह-सुबह यहां पर जाते हैं तो ज्यादा अच्छा रहेगा सप्ताहांत में यहां पर जाने पर आपको भीड़ मिल सकती है, यहां की एंट्री फीस 75/- INR है।
केम्पटी फॉल में प्रवेश का समय – Kempty Fall Timings in Hindi
सुबह 10:00 बजे से लेकर शाम को 06:00 बजे तक।
केम्पटी फॉल में प्रवेश शुल्क – Kempty Fall Entry Fee in Hindi
01 प्रवेश निःशुल्क
02 रोप वे – 120/- रूपए प्रति व्यक्ति।
माल रोड मसूरी – Mall Road Mussoorie in Hindi
मुख्य शहर में स्थित एक ऐसी जगह जहां पर कॉमर्शियल व्हीकल अलाउ नहीं है,मसूरी के मुख्य बाजार में स्थित माल रोड पैदल घूमने के लिए बहुत अच्छी जगह है। अगर आप नई नई शादी करके आए हैं शाम के वक़्त अपने जीवन साथी के साथ एक long walk करना बहुत ही रोमांटिक महसूस करवाता है।
खरीदारी करने के लिए बहुत सारी दुकानें हैं, रुकने के लिए बहुत सारे होटल से बने हुए हैं, यहां पर खाने के लिए को लेकर कुछ देश के प्रसिद्ध व्यंजन भी आपको मिल सकते हैं। कुल मिलाकर आपको यह जगह इन खूबसूरत पहाड़ों के बीच में स्थित एक बहुत अच्छा है बाजार होने का महसूस करवाती है। वैसे तो दिन के वक्त में आप यहां कभी भी जा सकते हैं लेकिन मैं कहूंगा आपको यहां पर रात को जाना चाहिए।
मॉल रोड मसूरी में प्रवेश का समय – Mall Raod Mussoorie Timings in Hindi
सुबह 09:00 बजे से लेकर रात को 09:00 बजे तक।
मॉल रोड मसूरी में प्रवेश शुल्क – Mall Road Mussoorie Entry Fee in Hindi
प्रवेश निःशुल्क।
मोसी फॉल मसूरी – Mossy fall Mussoorie in Hindi
मसूरी से 7 किलोमीटर दूरी पर एक जगह है बार्लोगंज बस इसी जगह पर मिलेगा आप को प्रसिद्ध मोसी फॉल, यहां हर जगह काई ही काई जमी होने के कारण इस झरने का नाम मोसी फॉल रखा गया है, यह झरना मसूरी के घने जंगलों के बीच में स्थित है और लगभग 145 मीटर की ऊंचाई से यह झरना नीचे गिरता है यह झरना लगभग 6 भागों में बांटा हुआ है जिसके कारण आप इस जगह को एक बार में नहीं देख सकते इस पूरे झरने को देखने के लिए आपको इसक झरने के चारों तरफ पैदल घूमना होगा।
मोसी फॉल मसूरी में घूमने के लिए सबसे सुंदर स्थानों में से एक है। अगर भीड़ से बचना है तो आपको सुबह सुबह यहां पर आ जाना चाहिए और यहां के ठंडे पानी में नहाने का आनंद लेना चाहिए। उसके बाद यहां पर दिन में भीड़ बढ़ जाती है, और ट्रैफिक बढ़ जाता है, साथ में ही आप यहां के जंगल में घूमने का आनंद ले सकते हैं। और पहाड़ों में ट्रेकिंग करने का आनंद भी ले सकते हैं मानसून के महीनों में आप यहां पर आए तो आपको एक अलग ही आनंद महसूस होगा लेकिन अगर ज्यादा बारिश हो रही हो तो आपको झरने में जाने से बचाना चाहिए।
मोसी फॉल मसूरी में प्रवेश का समय – Mossy Fall Mussoorie Timings in Hindi
दिन के किसी भी समय।
मोसी फॉल मसूरी में प्रवेश शुल्क – Mossy Fall Entry Fall in Hindi
प्रवेश निःशुल्क।
गन हिल मसूरी – Gun Hill Mussoorie in Hindi
गन हिल पर आपको आज के समय में कोई गन नहीं मिलेगी लेकिन एक समय ऐसा था, कि इस जगह से स्थानीय निवासियों को समय बताने के लिए गन से फायर किया जाता था। लगभग दोपहर के 12:00 बजे जहां से गन से फायर किया जाता था जिसके कारण काम करने वालों को समय का पता चलता था इस कारण यह जगह गन हिल के नाम से प्रसिद्ध हो गई।
लाल टिब्बा के बाद यह मसूरी की दूसरी सबसे ऊंची चोटी है अगर आप गर्मी के बाद यहां आते हैं तो गर्म कपड़े लाना ना भूलें यहां से दिखने वाले दृश्य आप हमेशा याद रहेंगे यह जगह माल रोड से थोड़ी सी दूरी पर ही स्थित है यहां पर कुछ छोटे-मोटे एडवेंचर एक्टिविटी भी होती है जैसे रोपवे गुब्बारों पर गन चलाना खाने के लिए यहां पर रेस्टोरेंट भी बने हुए हैं शाम के वक्त यहां पर आना थोड़ा इग्नोर करें।
गन हिल मसूरी में प्रवेश का समय – Gun Hill Mussoorie Timings in Hindi
सुबह के 10:00 बजे से लेकर शाम को 06:00 बजे तक।
गन हिल मसूरी में प्रवेश शुल्क – Gun Hill Mussoorie Entry Fee in Hindi
01 प्रवेश निःशुल्क।
02 रोप वे शुल्क – 75/- रूपए प्रति व्यक्ति।
लाल टिब्बा मसूरी – Lal Tibba Mussoorie in Hindi
लाल टिब्बा मसूरी की सबसे ऊंची चोटी है, साथ में ही यह मसूरी की सबसे पुरानी आबादी वाला क्षेत्र भी है यहां पर मुख्यतः पर्यटक सूर्योदय और सूर्यास्त देखने के लिए आते हैं। 1967 में यहां की नगरपालिका ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यहां पर एक जापानी दूरबीन स्थापित करवाई इस दूरबीन की सहायता से पर्यटक हिमालय में स्थित अन्य पर्वत श्रेणियां जैसे केदारनाथ, बंदरपूंछ, बद्रीनाथ जैसी विशाल पर्वत श्रेणियों को देख आराम से देख सकते हैं ।
इसके अलावा पर्यटक यहां पर आकर उस समय की ब्रिटिश स्थापत्य शैली द्वारा निर्मित इमारतों का भी आनंद ले सकते हैं। स्थानीय निवासी इस जगह को लाल पहाड़ी के नाम से भी बुलाते हैं। यहां यात्रा करने का सबसे अच्छा समय मार्च से लेकर जून का समय है। यह जगह डिपो हिल के नाम से भी प्रसिद्ध है, यहां पर दूरदर्शन और आल इंडिया रेडियो का डिपो बना हुआ है भारतीय सेना का बेस भी बना हुआ है।
लाल टिब्बा मसूरी देखने का समय – Lal Tibba Mussoorie Timings in Hindi
सुबह के 08:00 बजे से लेकर रात को 08:00 बजे तक।
लाल टिब्बा मसूरी में प्रवेश शुल्क – Lal Tibba Mussoorie Entry fee in Hindi
50/- रूपए प्रति व्यक्ति ( अगर आप लाल टिब्बा पर बने हुए रेस्टोरेंट पर खाने का आर्डर देते है तो प्रवेश शुल्क निःशुल्क है। )
लाइब्रेरी बाज़ार मसूरी – Library Bazaar Mussoorie in Hindi
लाइब्रेरी बाज़ार , मसूरी के मुख्य बस स्टैंड के पास स्थिति इस जगह पर गांधी जी की एक मूर्ति भी बनी हुई है जिसके कारण यह जगह गांधी चौक के नाम से भी जानी जाती है, अगर आप बस या टैक्सी से यात्रा कर के मसूरी आ रहे है तो आप सबसे पहले लाइब्रेरी बाज़ार ही आएंगे । 19वी शताब्दी में विक्टोरियन शैली में बनी एक इमारत के काऱण इस जगह का नाम लाइब्रेरी बाज़ार पड़ गया ।
किताब घर के नाम से प्रसिद्ध इस इमारत का निर्माण 1843 में किया गया था लाइब्रेरी बाजार के आसपास कुछ पुराने धार्मिक स्थल बने हुए है, अगर समय निकल पाए तो एक बार जरूर जा कर आना चाहिए इन में से कुछ प्रसिद्ध धार्मिक स्थल सुंदर नारायण, मंदिर गुरुद्वारा सिंह सभा, अमूल्य मस्जिद, और क्रिश्चियन चर्च के लिए आपको जरूर जाना चाहिए है।
लाइब्रेरी मार्केट मसूरी देखने का समय – Library Market Mussoorie Timings in Hindi
लाइब्रेरी बाजार सुबह 9:00 बजे से लेकर रात को 8:00 बजे तक खुला रहता है।
लाइब्रेरी मार्केट मसूरी में प्रवेश शुल्क – Library Market Mussoorie Entry Fee in Hindi
यहां पर किसी भी तरह के का प्रवेश शुल्क नहीं लगता है।
हैप्पी वैली मसूरी – Happy valley Mussoorie in Hindi
लाइब्रेरी बाजार के पश्चिमी भाग में स्थित हैप्पी वैली लाइब्रेरी बाजार से हैप्पी वैली की दूरी लगभग 2 किलोमीटर है, मसूरी में हिमालय की खूबसूरत वादियों को देखना है तो आपको इस जगह पर एक बार जरूर जाना चाहिए। यहां पर बने नगर निगम गार्डन, आईएएस अकादमी, प्राचीन तिब्बती मंदिरों के कारण यह जगह ज्यादा प्रसिद्ध है ।
Shedup Choepelling Temple एक तिब्बती बौद्ध मंदिर है, हैप्पी वैली में स्थित यह मंदिर आज इस क्षेत्र के सबसे लोकप्रिय तीर्थस्थलों में से एक है। इस मंदिर का निर्माण मसूरी के तिब्बती समुदाय द्वारा किया गया है, यह मंदिर तिब्बती वास्तुशैली का एक बहुत अच्छा उदहारण प्रस्तुत करता है ।
मंदिर दर्शन का समय सुबह 5 :00 से लेकर 12:00 तक रहता है और शाम को 4:00 से लेकर रात को 9:00 बजे तक यह मंदिर खुला रहता है| हैप्पी वैली आने वाले पर्यटक कला स्कूल की सैर कर सकते यहां से थोड़ा आगे जाने पर आप को हाथीपाँव पार्क एस्टेट भी मिलेगा । अगर आपके पास 1 या 2 घंटे एक्स्ट्रा है तो आपको इस जगह विजिट जरूर करना चाहिए।
हैप्पी वैली मसूरी देखने का समय – Happy Valley Mussoorie Timings in Hindi
सुबह के 08:00 बजे से लेकर शाम को 06:00 बजे तक।
हैप्पी वैली मसूरी में प्रवेश शुल्क – Happy Valley Mussoorie Entry Fee in Hindi
प्रवेश निःशुल्क।
जॉर्ज एवरेस्ट हाउस मसूरी – George Everest House Mussoorie in Hindi
माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई का अध्ययन करने वाले सर जॉर्ज एवरेस्ट को मसूरी इतना पसंद आया कि उन्होंने अपने जीवन के 30 साल इसी शहर में बिताए। सर जॉर्ज एवरेस्ट के घर के एक तरफ अगलर नदी घाटी है तो दूसरी तरफ बर्फ से गिरे हुए हिमालय के पहाड़ दिखाई देते हैं सर जॉर्ज एवरेस्ट ने अपने घर का निर्माण 1832 में कराया था आज भी यह घर पूरी तरह से सुरक्षित है और और बहुत ही अच्छी तरीके से संजोया गया है ।
यहां आने के बाद आप सर जॉर्ज के जीवन और उनकी जीवन शैली के बारे में अच्छे तरीके से जान पाएंगे यह जगह सप्ताह के सातों दिन खुली रहती है सुबह 08:00 बजे से लेकर शाम शाम के 6:00 बजे तक आप यहां पर आकर घूम सकते हैं । सर जॉर्ज एवरेस्ट हाउस, लाइब्रेरी बाजार से लगभग 6 किलोमीटर दूर है यहां पर आप कार और लोकल टैक्सी लेकर आ सकते हैं।
जॉर्ज एवेरेस्ट हाउस मसूरी में प्रवेश का समय – George Everest House Mussoorie Timings in Hindi
सुबह के 08:00 बजे से लेकर शाम को 06:00 बजे तक।
जॉर्ज एवेरेस्ट हाउस मसूरी में प्रवेश शुल्क – George Everest House Mussoorie Entry Fee in Hindi
प्रवेश निःशुल्क।
कंपनी गार्डन मसूरी – Company garden Mussoorie in Hindi
माल रोड से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कंपनी गार्डन या कंपनी बाग का निर्माण स्थानीय प्रशासन ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए किया । यह एक तरह से एम्यूज़मेंट पार्क है जहां पर आपको रंग बिरंगे फूलों की लगभग 800 प्रजातियां मिलेगी और बच्चों के खेलने कूदने के लिए भी बहुत सारी एक्टिविटी उपलब्ध है। एक तरह से आप यह कह सकते हो कि यह एक बहुत अच्छा पिकनिक स्पॉट है जहां पर आपको नौका विहार करने और पैदल घूमने अवसर मिलता है।
साथ ही का बच्चों के लिए खेलने की की बहुत सारी एक्टिविटी यहां पर उपलब्ध है अगर आप मसूरी आए हैं तो आपको अपने दोस्तों के साथ या अपने परिवार के साथ एक बार यहां जरूर आना चाहिए। स्थानीय प्रशासन ने यहां पर आने वाले पर्यटकों के लिए फूड कोर्ट और खरीदारी करने के लिए मार्केट भी बनवाए हैं।
कंपनी गार्डन मसूरी देखने का समय – Company Garden Mussoorie Timings in Hindi
सुबह के 09:00 बजे से लेकर रात को 08:00 बजे तक।
कंपनी गार्डन मसूरी में प्रवेश शुल्क – Company Garden Mussoorie Entry Fee in Hindi
18-/ रूपए प्रति व्यक्ति।
सिस्टर्स बाजार मसूरी – Sisters Bazaar Mussoorie in Hindi
अगर आप कहीं घूमने जाते हैं और आपको स्थानीय वस्तुएं खरीदने का शौक है या फिर आप को खरीदारी करने का शौक है तो यह जगह सिर्फ आपके लिए बनी हुई है। मसूरी से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर लैंडोर नाम की बहुत खूबसूरत जगह है इसी जगह स्थित है यह सिस्टर बाजार। अधिकतम समय मार्केट के अंदर आपके ही जैसे खरीदारी के शौकीन आपके सहयात्री मिलेंगे, अगर आपको मसूरी से अपने प्रियजनों के लोग कुछ उपहार या स्मृति चिन्ह लेकर जाने हैं तो आप यहां से खरीदारी कर सकते हैं।
यह पुराना और पारंपरिक बाजार है यहां पर आपको अदरक की चाय,स्वीट कॉटन कैंडी, मोमोज या और भी बहुत सारे बेकरी के आइटम खरीदने को मिलेंगे इसी जगह पर आपको कुछ प्रसिद्ध बेकरी हाउसेज भी मिलेंगे अगर आप में खरीदारी करने की कला है, तो आपको इस जगह उस कला पूरा उपयोग लेना है।
सिस्टर बाजार मसूरी प्रवेश का समय – Sister Bazaar Mussoorie Timings in Hindi
सुबह 8:00 बजे से लेकर रात के 8:00 बजे तक सिस्टर बाजार खुला हुआ रहता है।
सिस्टर बाजार मसूरी में प्रवेश शुल्क – Sister Bazaar Mussoorie Entry Fee in Hindi
प्रवेश निःशुल्क।
मसूरी एडवेंचर पार्क – Mussoorie Adventure park in Hindi
एडवेंचर किसको पसंद नही होता है, शायद सभी को पसंद होता है। अगर आपको एडवेंचर पसंद है तो मसूरी के अंदर एक निजी संस्था है, ikya island adventure park या फिर आप इसे मसूरी एडवेंचर पार्क भी बुला सकते हैं। यहां पर शुरू होने वाली एडवेंचर एक्टिविटी 200/- INR से शुरू होती है, फिर अलग-अलग एक्टिविटी के अलग-अलग रुपए यह लोग चार्ज करते हैं।
यहां पर आपको वैली क्रॉसिंग, जिप लाइन, स्काईवॉक, जिप स्विंग, सुपरमैन राइड, स्पाइडरमैन, कमांडो ब्रिज, रॉक क्लाइम्बिंग, रैपलिंग जैसी अनेक एडवेंचर एक्टिविटी करने का मौका मिलता है।
एडवेंचर पार्क मसूरी में प्रवेश का समय – Adeventure Park Mussoorie Timings in Hindi
सुबह के 09:30 बजे से लेकर रात को 07:00 बजे तक।
एडवेंचर पार्क मसूरी में प्रवेश शुल्क – Adventure Park Mussoorie Entry Fee in Hindi
01 Sky Ride – 600-/ INR
02 Valley Crossing- 400-/ INR
03 Burma Bridge – 300/- INR
04 Monkey crossing – 300/- INR
05 Parallel Ropes – 300/- INR
06 Zip Swing – 500/- INR
07 Silver Package (Select any 5 Activities) – 1000/- INR
08 Gold Package (Select any 10 Activities) – 2000/- INR
09 Diamond Package (Select any 10 Activities) – 3000/- INR
लंढौर बाजार मसूरी – Landour bazaar Mussoorie in Hindi
मॉल रोड से 5 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है लंढौर बाजार, यहाँ पर आपको स्थानीय हस्तशिल्प से निर्मित वस्तुयें मिल जाएगी, साथ में ही लंढौर बाजार सिरेमिक क्रॉकरी, वूलेन्स और प्राचीन समय की वस्तुयें खरीदने के लिए यह एक अच्छे जगह है | लंढौर बाजार में ब्रिटिश समय के पुरानी इमारतें भी देखने को मिलती है जिनमे सबसे प्रसिद्ध है कैप्टेन यंग का घर जो की मुलीनगर एस्टेट के नाम से प्रसिद्ध है|
धनोल्टी – Dhanaulti
मसूरी से 24 किलोमीटर दूर एक छोटासा क़स्बा जो की आज भी इस दुनिया की भाग दौड़ से दूर है| धनौल्टी जैसी सुन्दर जगह के लिए सिर्फ चार लाइन लिखने से में इस जगह की खूबसूरती और यहाँ पर महसूस होने वाला रोमांच को कम नहीं करना चाहता, इसलिए मैंने धनौल्टी पर अलग से पूरा एक ब्लॉग लिखा है, एक बार जरूर पढ़े पता चल जायेगा धनौल्टी कैसी जगह है |
झारीपानी झरना – Jharipani Falls
एक हलकी और खामोश सुबह और खतों के पास चलते हुए आप जब इस झरने के पास पहुँचते होतो एक अलग ही प्रकार की मन की शांति का एहसास होता है| इस झरने की इस झरने की सबसे अच्छी बात ये है की केम्पटी फॉल के उलट यहाँ पर आप को दुकान वाले परेशान नहीं करेंगे| यहाँ का पूरा माहौल एक दम प्राकृतिक है |
मसूरी से 7 किलोमीटर की दुरी पर एक छोटासा गांव झरीपानी है | इस गांव से मात्र 2 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है ये प्रसिद्ध झरीपानी झरना, इस झरने तक आने के लिए वैसे तो आप को बस या टैक्सी मिल जाएगी लेकिन में तो यही कहूंगा की इस झरने के लिए 2 किलोमीटर की छोटी सी यात्रा आप को पैदल ही पूरी करनी चाहिए |
इस पैदल यात्रा के दौरान आप को मसहूर दूनघाटी और शिवालिक रेंज की पहाड़ों के मनोरम दृश्य देखने का मौका मिलता है जिसे आप किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ना चाहोगे |
लाम्बी देहर माइंस – Lambi dehar mines
लाम्बी देहर माइंस लगभग एक अनसुना नाम है लेकिन मसूरी के स्थानीय निवासियों के लिए किसी हॉन्टेड जगह से कम नहीं है| सबसे बड़ी दुर्घटना का किस्सा जिसके बारे में यहाँ के लोग बताते है वो ये है की 90 के दशक में लगभग 50000 मजदूरों की यहां की चुना पत्थर के खदान में खून जम जाने के कारण हुई मौते है, इस दुर्घटना के बाद इस जगह पर खुदाई का काम बंद कर दिया गया लेकिन आज भी उन मजदूरों की चीखे खदान से सुनाई देती है ऐसा स्थानीय लोगो का मानना है |
लाम्बी देहर माइंस में खनन का काम 1996 में बंद कर दिया गया था और ऐसी किसी बड़ी दुर्घटना की आधिकारिक जानकारी हमें कहीं पर भी दर्ज नहीं मिलती इतनी बड़ी दुर्घटना और पूरी दुनिया में किसी को भी पता न चले कम समझ में आता है | कुछ भी हो लेकिन ऐसी ही किस्से कहानियां लाम्बी देहर माइंस को मसूरी के पास स्थित एक डरावना पर्यटक स्थल बनाते है |
मसूरी से लाम्बी देहर माइंस की दुरी 8 किलोमीटर है कुछ और भी डरवानी कहानियां यहाँ सुनने को मिलती लेकिन इसकाअसली मजा तभी आएगा जब आप लाम्बी देहर माइंस को खुद एक्स्प्लोर करोगे |
वन्यजीव अभयारण्य मसूरी – Mussoorie wildlife sanctuary
मसूरी एक ऐसा पर्यटक स्थल जहाँ पर जितना एक्स्प्लोर करना चाहो उतना कम है | ब्रिटिश काल में बसा एक ऐसा शहर जिसके वर्तमान में इस जगह के आसपास इतनी सारे पर्यटक स्थल है की आप सोच भी नहीं सकते |
मसूरी में जहाँ आप के खरीदारी करने के लिए माल रोड है वैसे केम्पटी फॉल , मॉसी फॉल जैसे खूबसूरत झरने भी है यहाँ आप में डरवाना रोमांच पैदा करने के लिए सवॉय होटल और लाम्बी देहर माइंस भी है, और सर्दियों के मौसम में यहाँ पर बर्फबारी होती है , अब यहाँ पर और देखने को क्या रह गया , में बताता हूँ जो बचा वो है यहाँ की वाइल्ड लाइफ सैंक्चुअरी, जैसे अगर जंगली जानवर देखने हो तो, बेनोग वन्यजीव अभयारण्य है यहाँ पर आप को हिमालयी बकरी, पैंथर, तेंदुआ, हिरण और भालू देखने को मिल जायेंगे |
अगर आप को पक्षियों की चहचाहट पसंद है तो जाबरखेत वन्यजीव अभ्यारण्य ये दोनों ही वाइल्ड लाइफ सैंक्चुअरी मसूरी से कुछ ही किलोमीटर की दुरी पर स्थित है | लेकिन इन बारे विस्तार से जानकरी में आप एक ब्लॉग में दूंगा |
क्लाउड एंड मसूरी – Cloud End Mussoorie
क्लाउड एन्ड वर्तमान में यह जगह एक निजी सम्पति है, 1838 मेजर स्विटेनहम ने इस जगह एक ईमारत बनाई जिसका नाम उन्होंने रखा क्लाउड एन्ड, यह जगह मसूरी के भौगोलिक सीमा पर स्थित है, इस जगह से आप मसूरी शहर की खूबसूरती को निहार सकते है |
2000 एकड़ में फैले इस जंगली क्षेत्र को यहाँ पाए जाने वाले ओक और देवदार के पेड़ एक अलग ही खूबसूरती प्रदान करते है | अब इस जगह को रिसोर्ट में बदल कर एक होटल का रूप दे दिया गया है | मसूरी से इस जगह की दुरी मात्र 6 किलोमीटर है
भट्टा फॉल्स – Bhatta Falls
केम्पटी फाल्स , मॉसी फाल्स, झारीपानी फाल्स के बाद आता है भट्टा फाल्स जैसे बाकी सारे फाल्स एक दूसरे से अलग है वैसे ही भट्टा फाल्स भी इन बाकि झरनो से अलग है |
मसूरी से 10 किलोमीटर के दुरी पर स्थित इस झरने की असली खूबसूरती को देखने के लिये ट्रेक्किंग करनी पड़ सकती है और वो भी सीढ़ियों की , इस झरने की सबसे ऊँची जगह पर पहुंचने के लिए आप को खबू सारी सीढियाँ चढ़नी पड़ती है तब कहीं जाकर आप को इस जगह के रोमांच का अनुभव होगा |
एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल होने के कारण यहाँ पर छोटे छोटे खाने की स्टॉल बने हुए है जहाँ आप को खाने स्वादिष्ट नूडल्स, उबले अंडे, सूप, चाय या कॉफी का आनंद ले सकते हैं।
ज्वाला देवी मंदिर मसूरी – Jwala devi mandir mussoorie
बेनॉग हिल की 2104 मीटर की ऊंचाई पर स्थित बहुत ही सुंदर ज्वाला देवी मंदिर माँ दुर्गा को समर्पित है, मंदिर तक पहुंचने के लिए आप को देवदार ओर ओक के छोटे बड़े पेड़ो से बने हुए सुंदर जंगलो के बीच में से ट्रैकिंग करते हुए जाना होगा , यह पूरा ट्रेक खूबसूरत ओर रोमांचक रास्तों से भरा हुआ है, एक बार ट्रेक पूरा होने के बाद यहां से आपको शिवालिक रेंज के पहाड़ और तलहटी में बहती हुई यमुना नदी की अविस्मरणीय दृश्य देखने को मिलते है। मसूरी से ज्वाला देवी मंदिर की दूरी 5.5 किलोमीटर है।
भद्रराज मंदिर – Bhadraj Temple
मसूरी से 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित भद्रराज मंदिर भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम को समर्पित है, इन्हें लोग बलभद्र के नाम से भी पुकारते है, भगवान श्री कृष्ण अपने बड़े भाई को प्रेम पूर्वक दाऊ के नाम पुकारते थे ।
हिंदी में बड़े भाई को भद्राज कहते है। नन्दू मेहर और भगवान भद्राज की एक बड़ी ही रोचक कहानी आप को यहाँ पर सुनने को मिलती है, स्थानीय लोगो का मानना है की नन्दू मेहर ने ही भगवान भद्राज की मूर्ति स्थापना की है । मान्यता ये भी है की भद्रराज मंदिर चारधामों में से एक बद्रीनाथ मंदिर का हिस्सा है, भगवान भद्रराज के प्रसाद में दूध, घी, मक्खन इत्यादि के प्रसाद ही चढाये लाते है।
यहाँ पर शराब ,माँस,अंडा जैसी वस्तुओं का सेवन करके आने वालों का प्रवेश पूर्णतया वर्जित है । भद्रराज मंदिर की चोटी पर पहुँचने के बाद यहां से आप को जौनसार बावर और चकराता रेंज के पहाड़ो को देखने का अवसर भी प्राप्त होता है ।
संतूरा देवी मंदिर – Santura Devi Temple
मसूरी से केम्पटी फॉल के रास्ते में लगभग 8 किलोमीटर के बाद एक पहाड़ी की 700-800 सीढ़िया चढ़ने के बाद आप संतुरा देवी के मंदिर तक पहुंच सकते है।
एक प्राचीन मंदिर ना होकर ये मंदिर मध्यकालीन भारत के समय का मंदिर है, कहा जाता है की मुगलों के सामने आत्मसमपर्ण करने की बजाय संतूरा देवी ने अपने भाई के साथ साधना करके पत्थर में परिवर्तित हो गई उस समय के बाद से संतूरा देवी की इस स्थान पर मान्यता बढ़ गई।
स्थानीय लोगो का एक विश्वास ये भी है,1991 में उत्तरकाशी क्षेत्र में आये एक बड़े भूकम्प से शहर को संतुरा देवी ने ही बचाया था ।अधिकतर श्रद्धालु शनिवार के दिन यहाँ पर दर्शन करने के लिए आया करते है ।
केलॉग मेमोरियल चर्च लंढौर – Kellogg Memorial Church Landour
केलॉग मेमोरियल चर्च मसूरी से 7 किलोमीटर दूर लंढौर में स्थिति एक प्रेस्बिटेरियन चर्च है, इस चर्च का निर्माण 1903 में डॉ. सैमुअल एच केलॉग के सम्मान में किया गया था। डॉ केलोग एक अमेरिकन प्रेस्बिटेरियन मिशनरी थे, डॉ केलोग ने हिंदी भाषा का ब्रिटिश व्याकरण में अनुवाद किया था।
ताकि यहाँ रहने वाले ब्रिटिश नागरिक हिंदी भाषा आसानी से सिख सके, इसी के चलते यहां इस इमारत में लंढौर लैंग्वेज स्कूल की स्थापना की गई ये स्कूल आज भी चलता है । प्रेस्बिटेरियन वास्तुशैली में बने इस चर्च की खिड़कियों में गॉथिक शैली के आर्किटेक्चर का बहुत सुंदर तरीके से उपयोग किया गया है ।
मसूरी की भाषा – Mussoorie local language
उत्तराखंड राज्य की आधिकारिक भाषा हिंदी है, लेकिन यहाँ के स्थानीय निवासी गढ़वाली भाषा का प्रयोग करते है और गढ़वाली मसूरी में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।लेकिन स्थानीय निवासी अन्य भाषाओं जैसे हिंदी, पंजाबी, अंग्रेजी और कुमाउनी का भी उपयोग करती हैं। अगर आप को हिंदी आती है तो भाषा संबंधित आप को कोई परेशानी नहीं आएगी।
मसूरी के लोग – Mussoorie local people
एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल होने के कारण मसूरी में लगभग सभी समुदाय के लोग निवास करते है, लेकिन यहाँ के मूल निवासी गढ़वाली परंपरा का अनुसरण ज्यादा करते है । 1959 में 14वें दलाई लामा के यहाँ आने के बाद तिब्बती समुदाय के लोग भी इस क्षेत्र में निवास करते है।
यहां के मूल निवासियों के आय का मुख्य स्त्रोत कृषि पर निर्भर है, लेकिन मसूरी में अब पर्यटकों की संख्या बढ़ जाने के साथ ही इन लोग के पास अब आमदनी के अवसर भी बढ़ गए है, इसके साथ ही दूसरे राज्य के निवासियों के यहाँ पर आकर व्यापार करने के काऱण इस जगह पर व्यापारिक प्रतिस्पर्धा भी बढ़ गई है।
मसूरी के मूल निवासी बहुत ही साफ दिल के लोग है, और यहां आने वाले प्रत्येक पर्यटक का ये लोग दिल खोल कर स्वागत करते है । 2011 के जनसंख्या गणना के समय यहां की जनसंख्या मात्र 30811 थी, उसके बाद यहाँ दुबारा जनसंख्या गणना नहीं की गई है ।
मसूरी की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय – Best time to visit Mussoorie
मेरे हिसाब से मसूरी की यात्रा के लिये पूरे साल में जो महीना आप को अच्छा लगे आप चुन सकते है। 2018 के अप्रैल महीने में यहाँ का अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस था। यहां बारिश के मौसम में पहाड़ो को पीछे छोड़ेते हुए बादल देखने है तो जून के बाद आ सकते है।
नवंबर के बाद यहां बर्फबारी शुरू हो जाती है, आप बर्फ में खेलने के लिए भी यहाँ आ सकते है । में आप सब से बस इतना कहना चाहता हूं की आप की जब इच्छा हो आप मसूरी आ सकते है। अप्रैल से लेकर जून महीने में मसूरी में सबसे ज्यादा पर्यटक आते है।
मसूरी कैसे पहुंचे – How to Reach Mussoorie
सड़क मार्ग से मसूरी कैसे पहुंचे – How to Reach Mussoorie By Road in Hindi
उत्तराखंड के अन्य शहरों जैसे (Dehradun to mussoorie distance 36 KM) देहरादून, ऋषिकेश, मसूरी और नैनीताल से सरकारी और निजी बसों के माध्यम से धनोल्टी पहुंचा जा सकता है। धनोल्टी पड़ोसी राज्यों के शहरों से भी अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
( Delhi to mussoorie distance 287 KM) दिल्ली में इंटर स्टेट बस टर्मिनस (ISBT) और कश्मीरी गेट से उत्तराखंड के लिए नियमित बसें हैं।उत्तराखंड परिवहन निगम (UTC) और कुछ निजी बस ऑपरेटर के द्वारा A/C और NON A/C दोनों तरह की बस सर्विस उपलब्ध करवाई जाती है।
रेल मार्ग से मसूरी कैसे पहुंचे – How to Reach Mussoorie By Rail in Hindi
मसूरी का निकटतम रेलवे स्टेशन देहरादून (Dehradun to mussoorie distance 36 KM) है जो मसूरी से 36 किलोमीटर दूर है। यह उत्तर रेलवे लाइन पर स्थित है। यह भारत भर के शहरों और कस्बों के लिए लगातार ट्रेनें हैं।
स्टेशन से संचालित होने वाली कुछ ट्रेनें देहरादून जन शताब्दी एक्सप्रेस, इलाहाबाद लिंक एक्सप्रेस, नंदा देवी एक्सप्रेस, देहरादून अमृतसर एक्सप्रेस, आदि हैं। देहरादून रेलवे स्टेशन और मसूरी के बीच बहुत सारी बसें और टैक्सियाँ हैं।
हवाई मार्ग से मसूरी कैसे पहुंचे – How to Reach Mussoorie By Air in Hindi
मसूरी का निकटतम हवाई अड्डा जॉली ग्रांट हवाई अड्डा देहरादून है, इसकी मसूरी से दूरी लगभग 60 किमी है| इस हवाई अड्डे से दिल्ली, बैंगलोर, मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई, त्रिवेंद्रम और लखनऊ के लिए नियमित उड़ानें हैं। विदेशों से और भारत के अन्य हिस्सों से पर्यटक भारत के प्रमुख शहरों के लिए उड़ान से जुड़कर हवाई अड्डे तक पहुँच सकते हैं। दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा एक विश्व स्तरीय अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो मसूरी से 291 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
मसूरी टैक्सी सर्विस – Mussoorie Taxi services
कुछ सर्विस प्रोवाइडर मसूरी में टैक्सी सर्विस भी उपलब्ध करवाते है। इन टैक्सियों में SUV, सेडान और लग्जरी कारें शामिल हैं। मसूरी में और उसके आसपास की निजी कंपनियां आपको किराए पर कार लेने का विकल्प प्रति दिन और प्रति घंटे के आधार पर प्रदान करती हैं। कुछ लोकप्रिय कार रेंटल कंपनियां हैं जो रेंटल कार प्रदान करती हैं। कृपया कार रेंटल सर्विस लेने से पहले किराया जरूर पता करले।
मसूरी के आस पास के कुछ पर्यटन स्थल – Tourist Places Near Mussoorie
धनोल्टी , नई टिहरी, टिहरी झील, देहरादून, नरेंद्र नगर, नाग टिब्बा, ऋषिकेश, हरिद्वार, चम्बा,दशावतार मंदिर, जोरांडा फाल्स , बरेहिपानी और न्यू टेहरी टाउनशिप, माताटीला डैम और देओगढ़ किला बहुत बड़ी लिस्ट है । पर्यटक यहाँ पर कई एडवेंचर स्पोर्ट जैसे रिवर क्रासिंग , रॉक क्लाइम्बिंग, हाईकिंग और कैंप थांगधर में ट्रैकिंग का आनंद भी ले सकते हैं। यह कैंप पर्यटकों को रुकने के साथ साथ अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध करते है।
(अगर आप मेरे इस आर्टिकल में यहाँ तक पहुंच गए है तो आप से एक छोटा से निवदेन है की नीचे कमेंट बॉक्स में इस लेख से संबंधित आपके सुझाव जरूर साझा करें, और अगर आप को कोई कमी दिखे या कोई गलत जानकारी लगे तो भी जरूर बताए। में यात्रा से संबंधित जानकारी मेरी इस वेबसाइट पर पोस्ट करता रहता हूँ, अगर मेरे द्वारा दी गई जानकारी आप को पसंद आ रही है तो आप अपने ईमेल से मेरी वेबसाइट को सब्सक्राइब जरूर करे, धन्यवाद )